कल्याण स्थित के.एम. अग्रवाल महाविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के शिक्षक पांडे मुनिष श्यामनारायण ने एक भी दिन मगध विश्वविद्यालय में ना जा कर पीएचडी जैसी अतिउच्च उपाधि प्राप्त करने का दावा किया है और इस फर्जी उपाधि पर मुंबई विश्वविद्यालय ने शिक्षक नियुक्ति की मान्यता भी दे दी है एवं प्रोफेसर तक की पदोन्नति भी बहाल कर दी है कानून के पूरी तरह से परखच्चे उड़ा दिए हैं के. म. अग्रवाल महाविद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर अनीता माना और मुंबई विश्वविद्यालय के अधिकारी श्री अखिल शेख और सहसंचालक डॉ विजय नारखेड इन्होंने क़ानून की पूरी तरह से धजिया उड़ा दी है शिक्षा के क्षेत्र में यह बेहद घिनौनी हरकत है के.म.अग्रवाल महाविद्यालय के तत्कालीन जनरल सचिव एवं विद्यमान अध्यक्ष ने वर्ष 2016 में प्रधानाचार्य डॉक्टर अनीता मन्ना को मेमो दिया था उसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा था की पांडे मुनिष ने जो उपाधि प्राप्त की है वह फर्जी है जिसको प्राप्त करने के लिए मगध विश्वविद्यालय में माइग्रेशन सर्टिफिकेट जमा नहीं किया गया जो मुंबई विश्वविद्यालय से लेना था व्यवस्थापन परिषद से एनओसी नहीं लिया था जो अनिवार्य था मगध विश्वविद्यालय के नाम पर प्राप्त किया हुआ डिग्री सर्टिफिकेट पर पंजीकरण संख्या 34264/99/01 छपी है जबकी सिनॉ सी को मगध विश्वविद्यालय में जमा करने का महीना मई 2000 बताया जा रहा है तो पंजीकरण संख्या में 99 कैसे छापा गया मगध विश्वविद्यालय के नाम पर प्राप्त किया हुआ डिग्री सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर विरेंद्रनाथ पांडे का है जो 31 मई 2006 को मगधविश्वविद्यालय के कुलपति नहीं थे और डॉक्टर शमसुद्दीन हुसैन कुलपति थे 20 नवंबर 2006 को बिहार के राज्यपाल ने डॉक्टर विरेंद्रनाथ पांडे को मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर नियुक्त किया था यह स्पष्ट होता है कि सर्टिफिकेट फर्जी है मुंबई विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव को 6 पत्र और सहसंचालक भोसले मैडम ने एक पत्र लिख भेजा था लेकिन मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने कोई जवाब नहीं दिया मुंबई विश्वविद्यालय के कुलसचिव के एक पत्र का जवाब मगधविश्वविद्यालय के वेरिफिकेशन ऑफिसर ने दिया जो स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़ा का साक्ष बया करता है पत्र कुलसचिव के नाम जवाब वेरिफिकेशन अफसर कैसे भेजेगा यहां धांधली प्रतीत होती दिखाई दे रही है जवाब भी 25 दिसंबर 2021 को जब की क्रिसमस की छुट्टीया थी इस पत्र पर अखिल शेख को आगाह किया गया था लेकिन वह भी मानने को तैयार नहीं थे
क्राइम रिपोर्टर शुभम मिश्रा कल्याण