पुलिस हिरासत में फर्जी शिक्षा अधिकारी, नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी

पुलिस हिरासत में फर्जी शिक्षा अधिकारी, नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी

स्वास्थ्य विभाग में फर्जी दस्तावेजों के नाम पर नौकरी दिलाने वाला मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बैतूल में हो रही ठगी का एक आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आया है बैतूल एसपी सिद्धार्थ चौधरी के मार्गदर्शन में पुलिस जल्द ही खुलासा करने वाली है।मंगलवार की देर रात पुलिस के हत्थे ऐसा ही एक शातिर ठग लगा है जो भोले-भाले बेरोजगारों को सरकारी नौकरी का लालच देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ चुका है। पीडि़त ने मंगलवार की दोपहर इस मामले की शिकायत एसपी सिद्धार्थ चौधरी को की थी जिन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम गठित कर आरोपी को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने तत्परता से आरोपी को हिरासत में ले लिया है।

यहा था पूूरा मामला

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शाहपुर पतौवापुरा निवासी लोकेश कुमार नामदेव एसपी सिद्धार्थ चौधरी को आवेदन देकर शिकायत की थी कि विशाल जैसवाल नाम का व्यक्ति उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठग चुका है। पीडि़त पक्ष से आरोपी 7 लाख 80 हजार रुपए ले चुका है।एसपी श्री चौधरी और एएसपी नीरज सोनी के मार्गदर्शन में गंज थाना, बैतूलबाजार थाना और अन्य थाने की पुलिस बल की टीम गठित की गई। आरोपी को बडोरा के शिवलोक सिटी में स्थित उसके मकान से मंगलवार की देर रात हिरासत में लिया गया है। आरोपी के पास से कई फर्जी मार्कशीट, फर्जी नियुक्ति पत्र, फर्जी डिग्री सहित करीब 100 दस्तावेज बरामद हुए हैं।इसके अलावा कई विभागों की सील भी जब्त की गई है जिससे स्पष्ट है कि आरोपी सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी दस्तावेजों और सीलों का उपयोग कर रहा था।अपराधियों के खिलाफ सख्त रूख अपनाने वाले एसपी सिद्धार्थ चौधरी को बैतूल में पदस्थ हुए अभी सिर्फ एक माह ही हुआ है लेकिन इस दौरान उनकी कार्यवाही से अपराधियों में हडक़म्प मच गया है। आईपीएल सट्टा से लेकर जुआ-सट्टा के खिलाफ अभियान चलाने के साथ ही अन्य मामलों में भी तत्परता और गंभीरता दिखाई दे रही है।इस मामले से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीम गठन के बाद आरोपी को हिरासत में लेने की कार्यवाही तक एसपी सिद्धार्थ चौधरी रात के 3 बजे तक गंज थाने में बैठे रहे और पूरी कार्यवाही पर नजर रखे रहे। जिसके परिणाम स्वरूप आरोपी के पकड़े जाने के साथ ही ठगी के साक्ष्य भी पुलिस ने बरामद कर लिए।

स्वयं को बोर्ड आफिस का अधिकारी बताता था

आरोपी विशाल जैसवाल के बारे में आवेदक लोकेश कुमार नामदेव ने बताया कि आरोपी स्वयं को मध्यप्रदेश शासन (शिक्षा विभाग ) बोर्ड आफिस भोपाल का बेसिक अधिकारी के पद पर पदस्थ होना बताता था। आरोपी के चार पहिया वाहन पर मध्यप्रदेश शासन लिखा होता था।इस वाहन पर सायरन भी लगे होते थे। वाहन का नं. एमपी 48 बीसी 3128 था और इसी वाहन से आरोपी शाहपुर आना-जाना करता था। उसने लोकेश को झांसे में लेने के साथ ही उससे कहा कि उसके जितने परिचित लोग हैं सभी से बात कर लें सभी को नौकरी लगवा देंगे।कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नौकरी लगवाने के लिए एक व्यक्ति से 3 लाख रु. दिए जाने की बात हुई थी। लालच में आए लोकेश ने अपनी पत्नी कमला नामदेव और भाई मिथलेश नामदेव की नौकरी लगाने की बात की और किश्तों आरोपी और आरोपी के परिवार के खातों में 7 लाख 80 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर की गई।वही सूत्रो से मिली जानकारी मे कोई महिला भी आरोपी विशाल जैसवाल के साथ इस खेल मे शामिल है

जल्द होगा खुलासा: एसपी

बैतूल एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने खुलासा न्यूज से चर्चा करते हुए बताया कि शिकायत आई थी जिसको लेकर पुलिस टीम को आरोपी को हिरासत में लेने के निर्देश दिए थे। कल रात आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। काफी बड़ा मामला है और जल्द ही हम इसका खुलासा करने वाले हैं।

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