उल्हासनगर का कथित भाजपा नेता बना पर्यावरण का दुश्मन और प्रदूषण का दोस्त !!

क्राइम रिपोर्टर शुभम मिश्रा
उल्हासनगर: उल्हासनगर मनपा में नगरसेवक बनने का ख्वाब देखने वाला एक नेता जो अपने आप को व्यापारियों का नेता मानता है और विधायक कुमार आयलानी के आगे पीछे दायें बायें कहीं भी देखा जा सकता है वह प्लास्टिक पन्नी कारखानेदारों को संरक्षण देकर देश के पर्यावरण को ही नहीं राजनीतिक पर्यावरण को भी हफ्ता बांटकर दूषित कर रहा है। मुंबई मनपा ने 1,जनवरी से प्लास्टिक थैलियों के इस्तेमाल की मनाही है। पॉलिथीन बैग मिलने पर दुकानदार ही नहीं ग्राहक पर भी 500 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। प्रशासन ने मुंबईकरों से अनुरोध किया है कि खरीदारी के लिए जाएं तो कपड़े का बैग साथ ले जाना न भूलें। बीएमसी उपायुक्त संजोग कबरे ने कहा कि प्लास्टिक थैलियों की वजह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इससे प्रदूषण भी बढ़ता है। उन्होंने कहा यदि किसी दुकानदार के पास 3- बार प्लास्टिक की थैली मिलेगी तो उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा महानगर में बीएमसी के 91 मार्केट हैं। राज्य में पहली बार 2018 में प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद जुलाई, 2021 में 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक थैलियों पर पाबंदी लगाई गई। दिसंबर, 2022 में 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक की थैलियों को प्रतिबंधित किया गया। अब मनपा ने अपने सभी बाजारों में किसी भी प्रकार के प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि उल्हासनगर महापालिका के अधिकारी हफ्ता लेकर प्लास्टिक के उपयोग को संरक्षण दे रहे हैं। यहाँ खुलेआम सभी प्रकार के प्लास्टिक बेची जा रही है और सब्जी विक्रेता से लेकर किराना, यहाँ तक कि गर्म चाय भी प्लास्टिक पन्नी में बेंची जा रही है।

रोक के बावजूद धड़ल्ले से इस्तेमाल
महाराष्ट्र में 2018 से प्लास्टिक थैलियों और थर्माकोल के उत्पादन, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक है। इसके अनुसार प्लास्टिक की थाली, कप-प्लेट, ग्लास, कांटा-चम्मच, कटोरी, स्ट्रॉ, कटलरी, स्प्रेडशीट्स, प्लास्टिक पाउच का इस्तेमाल नहीं कर सकते। नियम उल्लंघन पर 5 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक जुर्माना और 3 महीने की कैद हो सकती है। बावजूद इसके राज्य में प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पादों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। ठाणे शहर में 214 किलो सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त किया गया है। प्लास्टिक थैलियां रखनेवालों पर 89 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। मुख्य पर्यावरण अधिकारी मनीषा प्रधान ने यह जानकारी दी है। अब देखना होगा की पर्यावरण अधिकारी की निगाहें उल्हासनगर पर कब पड़ती हैं? उल्हासनगर में कब सख्त कार्रवाई होती है।