//उवेश रिपोर्टर//
किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल तथा इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार 30 नवम्बर तक पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा।
प्रावधान के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर दो वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों होगा दंडनीय।
मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन-2023 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया कि आदर्श आचरण संहिता के दौरान 30 नवम्बर की शाम 6:30 बजे तक निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से इसका प्रचार-प्रसार करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 31 अक्टूबर 2023 को इस आशय की अधिसूचना जारी की गई थी।
श्री राजन ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126क में यह प्रावधानित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा। यदि कोई व्यक्ति प्रावधान का उल्लंघन करेगा, तो ऐसी अवधि के कारावास से जो दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से, दण्डनीय होगा।
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