सिलवानी में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया ईद उल फितर
सिलवानी में सुबह 7:30 बजे ईदगाह में मौलाना अनस साहब,ने ईदगाह में ईद की नमाज पढ़ाई अमन चैन सुकून भाईचारा हिंदुस्तान में कायम रहे रो रो कर दुआ करी और सभी ने ईदगाह जाकर ईद उल फितर की सभी लोगों ने नमाज अदा की एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी वहीं पर विधायक प्रतिनिधि और पुलिस प्रशासन तहसीलदार आर आई पार्षद गण और कांग्रेसियों ने इन सभी ने गले मिलकर सभी को बधाई दी
ईद के दिन एक दूसरे के घर जाकर सिमैया खाते हैं खिलाते हैं नफरत को खत्म करते हैं
ईद उल फितर मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमजान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है. ईद उल फितर के साथ ही रोजे खत्म हो जाते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है. सुबह की नमाज से इसकी शुरुआत हो जाती है.
रमजान की शुरुआत शुक्रवार, 24 मार्च को हुई थी. इसलिए ईद उल फितर 22 अप्रैल, शनिवार यानी आज मनाई जा रही है. इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के दौरान पाक मन से रोजे रखने वालों और नमाज अदा करने वालों के अल्लाह सारे गुनाह माफ कर देता है.
ईद उल फितर का महत्व
इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी. मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ. माना जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी. इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया था. इसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है.