समान नागरिक संहिता के प्रबल समर्थक थे डॉ. भीमराव अंबेडकर: रूपेश विश्वकर्मा
भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में समरसता गोष्टि का हुआ आयोजन, बोले वक्ता जातिगत भेदभाव मिटाने के लिए बाबा साहब ने किए कठिन संघर्ष
राजगढ़।।। संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने देश को नई दिशा देने का कार्य किया है। वे समानता के प्रबल समर्थक थे और देश में समान नागरिक संहिता चाहते थे। उन्होंने देश मे जातिगत भेदभाव दूर करने के लिए जीवन भर संघर्ष किए। उनके संघर्ष के बारे में हम सब जानते है, लेकिन ऐसी परिस्तिथ होने के बाद भी भारत वर्ष को एकजुट रखने के लिए अभूतपूर्व कार्य किये। जब देश का बंटवारा हो रहा था तब उनका मत भारत निष्ठ रहा। यह बात स्थानीय अग्रवाल धर्मशाला में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सामाजिक समरसता गोष्टि को संबोधित करते हुए आरएसएस के विभाग बौद्धिक प्रमुख रूपेश विश्वकर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि जब भारत का बंटवारा हुआ तब डॉ भीमराव अंबेडकर धार्मिक आधार पर हुए बंटवारे के खिलाफ थे। गोष्ठी में सभी समाज के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए एवं बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर जी के प्रसंग बताकर उनके चरणों में विचारों के रूप में नमन किया। दीप प्रज्वलन कर पुष्प माला से पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। आयोजन में सभी समाज प्रमुख उपस्थित थे।
धारा 370 का किया था विरोध
उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर जी पूरे भारत को एक भारत रखने के पक्ष में थे। जब कश्मीर में धारा 370 लागू की गई तो उन्होंने देश के कानून मंत्री के नाते शेख अब्दुल्ला को पत्र लिखकर इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया था। इसके अलावा उन्होंने अपना पूरा जीवन भारतीय जीवन पद्धति एवं धार्मिक संस्कारों के साथ जिया। श्री विश्वकर्मा ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर देश मे जातिवाद, छुआछूत को समाज से समाप्त करना चाहते थे। उन्होंने सभी समाजजनों से आग्रह किया कि आज समाज को डॉ. भीमराव अंबेडकर के साहित्य व उनकी देशभक्ति को पढ़ने का आग्रह किया।
1,578 Total Views