यदि अपना भला चाहते हो तो संतानो को धार्मिक शिक्षा देते हुए संस्कार बनाओ
राजगढ़ संडावता मालवा अंचल सहित संपूर्ण भारत वर्ष के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल भेंसवा माता के दरबार मे नवरात्री के दोरान शाशन प्रशाशन एवं क्षेत्र के भक्त जनो के माध्यम से आद्यात्मिक ज्ञान गंगा के साथ ही शतचण्डी 108कुंडी महायगय मे प्रतिदिन 840यजमानो द्वारा वैदिक मंत्र के गुंजायमान के साथ यज्ञाचारय द्वारा घी एवं शाकलय की आहुति सुबह 8से 11एवं दोपहर 3से 6 बजे तक दिलवाई जा रही है। यज्ञ भगवान की आरती शाम के समय होकर प्रदक्षिणा लगाकर आमजन भी अपने जीवन को धन्य करने मे लगा है । नवरात्री क महोत्सव को चिरकाल तक यादों मे बनाये रखने एवं पर्यवरन सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना लाने के लिए व मानवीय मुल्यो को समझाने के लिये यज्ञ समिति द्वारा प्रतिदिन एक नये आयाम का आयोजन किया जा रहा है। संकलप यज्ञ समिति के सदस्य राजेश भंडारी ने बताया की बुधवार को 1108 कलश की पूजन कर धूम धाम से शोभायात्रा निकाली गयी। गुरुवार को सामूहिक गोंमाता पूजन शुक्रवार को कन्या पूजन एवं आज शनिवार को वृक्ष पूजन किया जायेगा। समिति के निर्णय अनुसार इन नो दिनों मे कोई सजजन ब्राह्मण भोजन या कन्या भोजन करवाना चाहे तो यज्ञ समिति के सदस्य से चर्चा कर सकते है। दोपहर मे कथावाचक संत कोकिल जी महाराज ने श्री राम कथा करते हुए कहा की यदि बच्चो को कुसंगति से बचाना चाहो तो प्रतिदिन हनुमान चालिसा शिव चालिसा एवं रामायण सहित अन्य ग्रंथो की शिक्षा देते हुए मंदिर जाकर देव दर्शन करने की आदत बचपन से ही डालो। बच्चा यदि कुसंगति मे पड़ गया तो तुहारी आगली और पिछली पीढ़ियों के लिये दुखदायी होकर तुम्हे नर्क का जीवन जीने के लिये मजबूर कर देगा। आपके द्वारा मेहनत कर कमाये गये धन को भी ठिकाने लगा देगा। इसलिए हर मे हरि कीर्तन करने की आदत डालते हुए अतिथि सत्कार करने की शिक्षा दो। आपने शिव पार्वती के विवाह की कथा का । वर्णन भी किया। आपने आगे कहा की भगवान को श्रद्धा और विश्वास के साथ पुकार कर तो देखो वो हर पल तुम्हारे नजदीक ही दिखाई देंगे।
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