गर्भावस्था में चार जांच करवाना अनिवार्य – सीएमएचओ डॉ. पिप्पल
मातृ एवं शिशु मृत्यु को रोकने के लिए मैदानी अमले को किया निर्देशित
राजगढ़।। जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु को रोकने के लिए गर्भवती महिला की शुरूआत से ही उचित देखभाल बहुत जरूरी है। इसके लिए पूरे गर्भकाल के दौरान की जाने वाली अनिवार्य जांचे होना ही चाहिए। इन जांचों से गर्भवती महिला और उसके बच्चे के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाती है। कई बार जांचों के दौरान गर्भवती महिला में हाई रिस्क दिखाई देते हैं, तो उसका समय रहते उचित प्रबंधन किया जा सकता है। उक्त निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ दीपक पिप्पल ने दिए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पिप्पल ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती माता की प्रथम जांच गर्भावस्था के प्रथम तिमाही 12 सप्ताह के अंदर, दूसरी जांच 14 से 16 सप्ताह में, तीसरी जांच गर्भावस्था के 24 से 28 सप्ताह के अंदर और चौथी जांच 32 से 34 सप्ताह के अंदर की जाती है। उक्त जांचे ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस पर मैदानी कार्यकर्ताओं के द्वारा की जाती है। इसके अलावा हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर पदस्थ सीएचओ के द्वारा भी गर्भवती महिलाओं की जांचे की जाती है। पूरे गर्भकाल के दौरान दो जांचे प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को वरिष्ठ संस्था जैसे जिला अस्पताल, सीएचसी अथवा पीएचसी लेवल पर भी कराना जरूरी है।
क्यों जरूरी है समय पर जांच
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पिप्पल ने बताया कि इन जांचों में खून की कमी, हीमोग्लोबिन 7 ग्राम से कम, शरीर पर सूजन, खून का गिरना, 40 किलोग्राम से कम वजन, ज्यादा बड़ा पेट, अधिक वजन 60 किलोग्राम से अधिक, टेड़ा या उल्टा बच्चा, बच्चे का न घूमना 140 से 90, ब्लड प्रेशर, एल्बुमिन शुगर, लम्बाई 15.4 सेन्टीमीटर से कम, उम्र 35 साल से ज्यादा, पूर्व में प्रसव के समय बहुत ज्यादा खून का जाना, पूर्व में प्रसव ऑपरेशन द्वारा हुआ हो, चार से अधिक बच्चे, ह्रदय रोग, मधुमेह, पूर्व में जन्मजात विकृति वाला बच्चा होना आदि हाईरिस्क के लक्षणों की जांच हो जाती है। साथ ही पीलिया, मलेरिया से पीड़ित होना, बार-बार गर्भपात होने वाली महिलाओं से अपील की है कि वे तत्काल निकटतम स्वास्थ्य संस्था में पहुंचकर जांच अवश्य करायें। यह जांच सभी संस्थाओं पर निःशुल्क की जाती है। जिससे मां और बच्चा दोंनो स्वस्थ्य रहें। साथ ही प्रसव अस्पताल में करवायें, जिससे शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी मिल सके।