ज्ञापन में छात्रों ने उल्लेख किया
यह कि हम आवेदकगण 12वी कक्षा के विद्यार्थी हैं. हम सभी कामर्स विषय के विद्यार्थी है, हम लगभग 25 विद्यार्थी कोचिंग टीचर श्री दीपक सिंह रघुवंशी के यहां कामर्स विषय की कोचिंग लगभग एक वर्ष से नियमित रूप ले रहे हैं, दो मार्च से हमारी वार्षिक परीक्षाएं आरंभ हुई थीं, परीक्षाएं आरंभ होने के पूर्व हमारे कोचिंग टीचर श्री दीपक सिंह रघुवंशी द्वारा हम सभी विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षाओं में नकल कराने का लालच दिया गया, प्रत्येक पेपर में नकल कराने के लिये कोचिंग टीचर द्वारा हमसे प्रति पेपर के लिए दो हजार रूपयों की मांग की गई, कोचिंग टीचर द्वारा हम विद्यार्थियों को प्रत्येक पेपर के लिये उनके द्वारा तैयार किये गये 60 से 80 प्रश्नोत्तर तैयार करने का आग्रह किया जाता है, कोचिंग टीचर कहते हैं कि मैं जो प्रश्नोत्तर की सूची बता रहा उन्हें ही तैयार करना है इनके अतिरिक्त अन्य कोई प्रश्नोत्तर आप सभी को याद नहीं करने हैं, इन्हीं में से सारे प्रश्न पेपर में पूछे जायेंगे, इनसे हटकर पेपर में कुछ भी नहीं आयेगा और आयेगा तो मैं तुम सभी के पेपर के समय उपस्थित होकर पेपर पूरे कराऊंगा, अभी तक हमारे तीन पेपर हो चुके हैं, परंतु कोचिंग टीचर के बताये अनुसार प्रश्नोत्तर पेपर में नहीं आ रहे हैं, जिससे हम विद्यार्थियों के पेपर बिगड़ रहे हैं हम पेपर में कुछ भी नहीं लिख पा रहे हैं, हम सभी पेपर में फेल हो जायेंगे, इसकी चिंता हमें और हमारे अभिभावकों को हो रही है. हम सभी पेपर बिगडने के कारण मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं. हमने कोचिंग टीचर की वर्ष भर की फीस भी टीचर के पास जमा कर दी है. हम पेपर में फेल होते हैं तो हमें हमारी फीस वापिस कराई जाये, कोचिंग टीचर द्वारा दिये गये झूठे आश्वासन से हम विद्यार्थियों का शैक्षणिक वर्ष बेकार हो गया है, कोचिंग टीचर द्वारा हम विद्यार्थियों को गुमराह कर हमारी भावनाओं व हमारे भविष्य से खिलवाड़ किया गया है, जिससे शिक्षकों के प्रति हमारे मन में अविश्वास उत्पन्न हो गया है, भविष्य में अन्य विद्यार्थियों के साथ इस प्रकार से धोखा ना हो इस आशय से श्रीमान के समक्ष वैधानिक कार्यवाही किये जाने के उद्देश्य से शिकायत प्रस्तुत कर रहे हैं
जब मैंने दीपक रघुवंशी से कॉल पर बात करी तो उनका कहना है
कॉमर्स टीचर दीपक सिंह रघुवंशी का कहना है
कुछ नहीं है उन्होंने सब फर्जी बना कर दिया है
दीपक ने बताया कि मैंने उनसे ₹1भी नहीं लिया और उनके पास क्या सबूत है कि मैंने पैसे लिए हैं
उन लोगों ने पढ़ा नहीं है बस