राजगढ़ शहर में नेवज नदी के किनारे बनाई जा रही दीवार की आवश्यता एवं बाढ़ की स्थिति में उसकी कार्यप्रणाली को लेकर मोहनपुरा बांध से अधिकतम 20667 क्यूमेक के डिज़ाइन फ्लड को 17 गेटों से निकालने की स्थिति आ सकती है !!
राजगढ़ शहर के मोहनपुरा बांध के 9 किमी नीचे है !!
गत मानसून में 7500 क्यूमेक का फ्लड निकाला गया था जिससे राजगढ़ पुराना बस स्टैंड, नाले, के किनारे की बस्तियां, दुकानें मस्जिद का क्षेत्र तक डूब से प्रभावित होने लगा था !! 3 वर्ष पूर्व 12000 क्यूमेक से अधिक का फ्लड आया था जिसे बांध में रोककर मात्र 4500 क्यूमेक ही निकाला गया था !! गत वर्ष तक जलभराव 393.00 मीटर तक ही था जो कि अधिकतम जलभराव स्तर से 5.00 मीटर नीचे है !! इस वर्ष पूर्ण जलभराव स्तर तक बांध को भरा जाना तय है,
अधिक बाढ़ की स्थिति में बांध में पानी रोका जाना संभव नही होगा !!
इस बांध का पूर्णजलभराव स्तर और अधिकतम जलभराव स्तर दोनो ही समान है, यानी 398.00 मीटर. अगर बांध का जलस्तर इससे अधिक बढ़ेगा तो बांध को तो खतरा हो सकता है साथ में जलाशय के पूर्ण जलभराव स्तर पर बने गांव प्रभावित होने लगेंगे जिससे समस्या बड़ सकती है, बांध में पूर्ण जलभराव के उपरांत जब भी बाढ़ आएगी उसे ज्यो का त्यों तुरंत निकाला जाना आवश्यक है किंतु राजगढ़ नगर में पानी भरने की आशंका को देखते हुए ये संभव नही है !!
अगर हम जलाशय को खाली रखते है तो बारिश न होने पर 15000 से 20000 हेक्टर भूमि की सिंचाई जलाशय खाली रहने से प्रभावित होगी !!
इन्ही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए,
नेवज नदी के बाएं तट पर एक 11 मीटर से 13 मीटर तक की ऊँचाई की दीवार का निर्माण कर बाढ़ आपदा राहत मद से किया जा रहा है !!
ये दीवार छोटे पुल से लेकर सर्किट हाउस तक बनाई जावेगी !!
इसकी डिज़ाइन कॉउंटरफोर्ट और ग्रेविटी रिटेनिंग की तरह की गई है !!
इस दीवार में दोनो नालों पर 2 हाइड्रोलिक स्लूस गेट लगाए जाएंगे और छोटे पुल पर एक 4.5 मीटर चौड़ा एवं 5.00 मीटर ऊंचा हाइड्रोलिक गेट लगाया जाएगा !!
बांध से अधिक पानी छोड़ने की स्थिति में तीनों गेट बंद रखे जाएंगे एवं नाले का पानी पंप कर वापिस नदी में डाला जाएगा,
सामान्य स्थिति में ये तीनो गेट खुले रखे जाएंगे !!
जिसकी स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन द्वारा सितंबर 2022 में प्रदान की गई थी – अशोक दीक्षित – परियोजना प्रबंधक मोहनपुरा बांध