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राहुल गांधी को सांसदी वापस नहीं मिली। सूरत सेशन कोर्ट के जज रॉबिन पॉल मोगेरा ने गुरुवार को उनकी याचिका एक शब्द में खारिज कर दी। राहुल ने मानहानि केस में दोषी ठहराए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी।
जज ने राहुल गांधी की 5 बड़ी दलीलों को खारिज कर दिया। जज ने कहा कि सांसदी जाना कन्विक्शन पर रोक लगाने का आधार नहीं। इससे ऐसा नुकसान नहीं हुआ जिसकी भरपाई न हो सके।
राहुल गांधी ने आम जनता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी और मोदी सरनेम वाले लोगों की तुलना चोरों से की थी। इसलिए मोदी सरनेम वाले शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया गया।
इसके अलावा शिकायतकर्ता पूर्व मंत्री हैं और सार्वजिनक जीवन में शामिल हैं। मानहानि भरी इस तरह की टिप्पणी से निश्चित ही उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है और उन्हें समाज में पीड़ा झेलनी पड़ती है। इन वजहों से मैं शिकायत पर सुनवाई को लेकर उठाई आपत्तियों से सहमत नहीं हूं।
राहुल गांधी की दलील : पूर्णेश मोदी का नाम नहीं लिया, ऐसे में उनकी मानहानि का सवाल नहीं उठता
जज मोगेरा का फैसला : इस मामले में मोदी उपनाम वाले लोगों की तुलना चोरों से करने से निश्चित रूप से शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा हुई होगी। उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान होगा, क्योंकि वो सामाजिक रूप से सक्रिय हैं और हमेशा आम लोगों से उनका मिलना-जुलना रहता है।
भाषण देते समय राहुल गांधी न केवल सांसद थे बल्कि देश की दूसरी बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष भी थे। उनके कद को देखते हुए उन्हें अपने शब्दों को लेकर ज्यादा सावधान रहना चाहिए था। उनके शब्दों का व्यापक असर लोगों के दिमाग पर पड़ता है।