Monday, 22 April, 2024

DHARM KHULASA ll हनुमान जन्मोत्सव पर करें ये सरल उपाय, हनुमत कृपा से बनेंगे बिगड़े कार्य

ज्योतिषगुरु सुरेश आचार्य || 9479360391

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति की चोट-चपेट से रक्षा होती है एवं मंगल ग्रह से संबंधित सभी उपद्रव शांत हो जाते हैं। इस बार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, हनुमान जन्मोत्सव, 23 अप्रैल 2024, मंगलवार को हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुन्दरकाण्ड का पाठ या नीचे वर्णित कुछ सरलउपाय अवश्य करें ताकि रोग, शोक का नाश हो और धन, धान्य की वृद्धि हो सके।
वैसे तो हनुमान जी की पूजा के अनेक विधि-विधान प्रचलन में हैं, लेकिन साधारण व्यक्ति जो सम्पूर्ण विधि-विधान से हनुमान जी का पूजन नहीं कर सकता है, वह मात्र श्रद्धा, भक्ति से हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी को फल, पुष्प, जनेउ आदि अर्पण कर हनुमान चालीसा, बजरंग बाण अथवा सुन्दरकाण्ड का पाठ कर ले, तो वह निश्चित रूप से पूर्ण फल प्राप्त कर सकता है।

यदि किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसे परेशानियां और शत्रु घेरे हुए हैं और आगे बढ़ने को कोई रास्ता या उपाय नहीं सूझ रहा है तो हनुमान जन्मोत्सव, 23 अप्रैल 2024, मंगलवार के दिन से प्रारम्भ कर कम से कम 51 दिन तक नित्य हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करें, सारी परेशानियां समाप्त होने लगेंगी।
 मनोकामना पूर्ति के लिए चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, हनुमत जन्मोत्सव अथवा किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार या शुभ दिन, पर्व आदि का चयन कर हनुमान जी को प्रतिदिन 9 लाल फूल और 9 लाल फल अर्पित कर हनुमानष्टक का पाठ कर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें। ऐसा करने पर बजरंग बली कार्य में आने वाले अनावश्यक विघ्न-बाधाओं को दूर कर कार्य सिद्ध करेंगे।
कोर्ट, कचहरी अथवा मुकदमें में विजय प्राप्ति के लिए हनुमत जन्मोत्सव, मंगलवार के दिन हनुमान जी का चित्र या प्रतिमा स्थापित कर उसके समीप श्री हनुमत यंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा कर उसके सामने बजंरग बाण का 51 पाठ करें।
 यदि धन स्थिर नहीं रहता हो, तो हनुमान जी के मंदिर में हनुमत जन्मोत्सव से प्रारम्भ कर, 9 मंगलवार 9 बताशे, एक जनेउ, एक पान श्रद्धापूर्वक अर्पित करें।
 यदि दवा आदि से रोग शांत न हो रहा हो तो, हनुमत जन्मोत्सव, मंगलवार को सूर्योदय के सम हनुमान जी के मंदिर जाकर हनुमान जी को साष्टांग दण्डवत प्रणाम करें, उनके चरणों का सिन्दूर घर ले आऐं, घर लाकर इस मंत्र से सिन्दूर को अभिमंत्रित करें।

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।
अभिमंत्रित सिन्दूर का रोगी के मस्तिष्क पर तिलक लगा दें, रोगी की हालत में शीघ्र सुधार होने लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में मंगल का संबंध रक्त से माना गया है। हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह बलवान होता है जिससे शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है तथा बीमारी से लड़ने की ताकत व्यक्ति के अन्तर्मन में आने लगती है।

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