Tuesday, 25 April, 2023

मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए कोई फंड नहीं है* -सुरेन्द्र अग्रवाल

*मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए कोई फंड नहीं है*
 -सुरेन्द्र अग्रवाल
      लाखों करोड़ों लोगों की आत्मा में बसने वाले प्रभु श्रीराम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि "मोहे कपट छल छिद्र न भावा।'' और हमारा छतरपुर जिला अपने ही भाग्यविधाताओं के छल कपट का दंश झेल रहा है।
     छतरपुर जिले के नागरिकों द्वारा किए गए जन आंदोलन के फलस्वरूप जैसे तैसे छतरपुर नगर को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली थी। परंतु कतिपय विध्न संतोषी लोगों के षड्यंत्र के कारण लगातार इसके निर्माण में रुकावटें पैदा की गईं। जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज संघर्ष मोर्चा के संयुक्त प्रयास से हाईकोर्ट से राहत मिली तो निर्माण एजेंसी ने हाथ खड़े कर दिए। मंगलवार को जब मैंने स्वयं पीआईयू के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री मेहरा से बात की तो एक नई कहानी सामने आई कि *मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए फिलहाल कोई फंड नहीं है।* आवंटन राशि मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।अब आप स्वयं यह तय करें कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। राशि स्वीकृत कराने की जवाबदारी किसकी है?
    राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को ही प्रदेश के विधायकों को ढाई करोड़ रुपए विकास निधि और पचास लाख रुपए स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत कर दी है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए आवंटन राशि जारी कराना ज्यादा दुष्कर कार्य नहीं है लेकिन इच्छा शक्ति ही नहीं है। चुनाव की घोषणा तक इसके निर्माण कार्य को रोके जाने की रणनीति समझ में आ रही है ताकि श्रेय लेने की हसरत पूरी की जा सके।
     चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री जी जहां जहां पर जा रहे हैं, वहां पर वह करोड़ों रुपए की सौगातें बांट रहे हैं और एक छतरपुर नगर है, जिसकी क़िस्मत में सिर्फ ठन ठन गोपाल है।
     एक ओर ऐसी भीषण गर्मी में मेडिकल कॉलेज संघर्ष मोर्चा द्वारा 15 अप्रैल से निरंतर छह घंटे तक धरना दिया जा रहा है, वहीं छतरपुर में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है। वह कहते हैं कि जब फ्लाईओवर बन जाएगा तो दुर्घटनाएं ही नहीं होंगी अतः मेडिकल कॉलेज की जरूरत नहीं है।
     हमारे पौराणिक ग्रंथों में भी उल्लेख किया गया है कि हर युग में देव और दानव का वर्चस्व रहा है। फिर यह तो कलयुग है। इसमें भी दानव शक्तियां ज्यादा प्रभावी हो गई हैं जो नहीं चाहतीं हैं कि छतरपुर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाए? जब देवयोग से भगवान श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है तो देर से ही सही मेडिकल कॉलेज का निर्माण तो होकर रहेगा। लेकिन इसके निर्माण में व्यवधान उत्पन्न करने वालों को जनता सबक जरुर सिखाएगी।

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