
नौरोजाबाद – 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को पूरा देश संविधान लागू होने की खुशी मनाता है, जहा पूरा देश छुट्टियां मनाकर आज खशियां मना रहा, तो दूसरी तरफ वही आज नौरोजाबाद तहसील अंतर्गत आने वाले महुरी गांव के लगभग 3 दर्जन स्वयंसेवी युवा देवरी और महुरी को जाने वाली इकलौती खराब सड़क की मरम्मत करते दिखे। युवाओ ने सिकायती लहजे में कहा , जब पंचायत हाथ मे हाथ धर कर बैठ जाए, तो किसी को तो जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी हमसे जितना हो सकेगा सड़क पर मुरुम डालकर चलने लायक बनाएंगे।



अमन द्विवेदि और घनश्याम साहू ने बताया
हमे इस रास्ते आने जाने में बहुत कठिनाइयो का सामना करना पड़ता है सड़क इस कदर खराब है कि कही बड़े गड्ढे है तो कही बड़े पत्थर और नुकीली गिट्टी, कई बार बैलेंस बिगड़ जाने पर सायकल और दोपहिया वाहन गिरने से लोग चोटिल भी होते रहते है। इसलिए हमने लगभग 1 किलोमीटर सड़क के गड्ढो में मुरुम डालकर रिपेरिंग किया है।



बात करे ग्राम देवरी और महुरी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क और पुल की, जिससे जुड़े पास के बहुत से गावों का आवागमन भी दिन और रात में बना रहता है। पूरी तरह से जर्जरता की मार पिछले कई वर्षों से झेल रहा है।


आपको बताना चाहेंगे 18 दिसंबर 2020 को खुलासा न्यूज़ ने प्रमुखता से इस मार्ग में जर्जर पुल और खराब सड़क की खबर प्रकाशित की थी। पर अभी तक किसी भी अधिकारी की कानो में इसकी आवाज नही पहुँच पाई है, जो आकर यहां की वास्तविक स्थिति को देख सके।


इस मार्ग में आज तक कभी पक्की सड़क का निर्माण नही हो पाया है और इन दोनों गावो को जोड़ने वाला पुल भी जर्जर हो चुका है जो अनहोनी को न्योता दे रहा है।इस पर बड़े गढ्ढे बन गए है जिसकी वजह से कई बार हादसे भी होते रहते है लोग गिर कर चोटिल हो जाते है।


बरसात के मौसम में पुलिया पूरी तरह जलमग्न हो जाती है। और महुरी तरफ जाने वाली सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है पर इस मार्ग में इकलौता रास्ता होने की वजह से लोग जान जोखिम में डाल इस सड़क से ही आवागमन करने को मजबूर है। और देवरी महुरी को जोड़ने वाला पुल पार करते समय कई बार लोगो के नदी में बह जाने की बात भी सामने आती रहती है। पर अभी तक ना सरपंच का ध्यान इस सड़क पर जाता न शासन प्रशासन ने सुुध लेंने में अपनी दिलचस्पी दिखाई।
फिर भी एक कहावत है न
काम को करने के लिए सिर्फ जज्बा चाहिए फिर लोग खुद जुड़ते चले जाते है और कारवां बनता जाता है। आज यही मिशाल देश का भविष्य कहे जाने वाले युवाओं ने दी है। जिसकी मेहनत से कल इसी सड़क पर चलने वाले राहगीरों की मुश्किलें कुछ तो कम होंगी, जिसमे महुरी से अमन द्विवेदी, सोनू साहू, मिथलेश सिंह, बिहारी सिंह, यष्पाल सिंह अर्जुन बैगा, पप्पू सिंह, घनश्याम साहू, नत्थू सिंह, विजय सिंह,संदीप, प्रकाश, तेजभान, भूपत, धन्नू, सोनू, भारत, लल्लू बैगा और महुरी के स्वयंसेवी नागरिकों का भरपूर सहयोग मिला।
इससे एक बात साबित होती है युवा अगर चाहले तो किसी भी चीज की कायापलट कर सकते है।
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