
पश्चिम बंगाल स्थित गंगासागर हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ स्थानों में से एक है। गंगा यहीं आकर सागर में मिलती है। ऐसा माना जाता है कि राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति यहीं हुई थी। इसीलिए लोग कहते हैं ‘सारे तीरथ बार बार, गंगासागर एक बार।’ अभी बंगाल में चुनाव हो रहे हैं। भाजपा खुलकर हिंदुत्व कार्ड खेल रही है। इस लिहाज से गंगासागर की प्रासंगिकता और अधिक हो गई है।
पिछले महीने गृहमंत्री अमित शाह गंगासागर के दौरे पर आए थे। उन्होंने यहां कई वादे किए। शाह ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो हम गंगासागर को इंटरनेशनल टूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यहां नमामि गंगे और केंद्र सरकार की दूसरी योजनाओं को लागू करने का भी वादा किया। हालांकि ऐसा नहीं है कि भाजपा अभी ही गंगासागर पर फोकस कर रही है। 2017 में मकर संक्रांति के दिन जब यहां भगदड़ मची थी तब PM मोदी ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी। उस वक्त राज्य सरकार ने भी मुआवजे का ऐलान किया था।
यहां के लोगों के लिए पुल बड़ा मुद्दा है
गंगासागर, सागर आइलैंड असेंबली के अंतर्गत आता है। इसमें 11 ग्राम पंचायत हैं, जहां दो लाख से ज्यादा वोटर्स हैं। पिछले दस साल से यहां TMC का कब्जा है। स्थानीय नेता बंकिम हाजरा यहां से जीतते आ रहे हैं। हालांकि अब विकास के अपने वादों को लेकर भाजपा भी यहां जोर लगा रही है। 18 फरवरी को यहां अमित शाह ने सभा की थी। उसके 15 दिन बाद भाजपा ने बिकास कामिला को मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया। बिकास यहां के लोगों के लिए पुल बनाने का भरोसा दिला रहे हैं। जो यहां के लोगों को लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।

उनके भाई सोमेन कामिला कहते हैं कि यहां अक्सर ज्वार-भाटा आता रहता है। हम दिन में केवल चार बार ही नाव से सफर सकते हैं, क्योंकि 6 घंटे में एक बार ही समुद्र नाव के लिए अनुकूल होता है। जिसके चलते नाव पकड़ने के लिए हमें 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में मेडिकल इमरजेंसी के वक्त मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हम चाहते हैं कि एक पुल का निर्माण हो लेकिन TMC सरकार बना नहीं रही है। क्योंकि अगर पुल बनता है तो उसे रेत खनन का ठेका नहीं मिलेगा।
अभी नाव चढ़कर जाना पड़ता है गंगासागर
TMC कार्यकर्ता गौतम रॉय दावा करते हैं कि उनकी सरकार ने यहां काम किया है। लोगों को बिजली और अच्छी सड़कें मुहैया कराई हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। इसलिए लोग TMC को ही फिर से यहां से जीत दिलाएंगे। फिलहाल यहां आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को कछुबेरिया तक जाने के लिए काकद्वीप से नाव पकड़नी होती है। इसके बाद यहां से 30 किमी का सफर तय करके गंगासागर जाना होता है। लोगों की मांग है कि मुड़ीगंगा पर पुल का निर्माण हो, ताकि वे आसानी से गंगासागर पहुंच सकें।

कुंभ के बाद देश का सबसे बड़ा मेला लगता है यहां
गंगासागर में कपिल मुनि का एक बहुत ही पुराना आश्रम है, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मकर संक्रांति के मौके पर देशभर से स्नान करने के लिए यहां श्रद्धालु पहुंचते हैं। कुंभ के बाद देश का सबसे बड़ा मेला यहां लगता है जिसमें 15 से 20 लाख लोग शामिल होते हैं। कपिल मुनि आश्रम के पुजारी अजीत दास कहते हैं कि गंगासागर आना किसी व्यक्ति के लिए उसके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। अगर यहां पुल बनता है तो स्थानीय लोगों को सहूलियत तो होगी, लेकिन यह तीर्थ स्थान न रहकर एक टूरिस्ट प्लेस बन जाएगा।
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