मुख्यमंत्री Shivraj Singh Chouhan ने मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित स्व-सहायता समूह के सदस्यों को 200 करोड़ रूपये के ऋण वितरण कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन कर की।
इस अवसर पर श्री चौहान ने कहा कि “नारी तुम केवल श्रद्धा हो, तुम श्रद्धा इसलिये हो क्योंकि तुम्हारे बिना ये सृष्टि चल नहीं सकती। तुम्हारे बिना हमारा अस्तित्व नहीं है। इसलिये आज अंतरात्मा की गहराइयों से मुझे दुर्गा सप्तशती का वो श्लोक याद आता है: सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके। “
लयबद्ध पंक्तियों में श्री चौहान ने कहा कि
नारी वो है जो समाज को संस्कार, विचार और आकार देती है।
नारी वो है जो अपने दम पर पीढ़ियां संवार देती है।
नारी वो है जो ईंट और पत्थर के मकान को घर बना देती है।
नारी वो है जो श्राप को भी वरदान बना देती है।
मां, बहन, पत्नी, बेटी हर रूप में जो ईश्वर का संदेश है।
नारी वो है जिसकी बदौलत खुशहाल मेरा मध्यप्रदेश है।
InternationalWomensDay के अवसर पर प्रदेश की महिलाओं को सौगात स्वरूप उन्होंने कहा कि अब 4 परसेंट ब्याज की जगह सिर्फ 2 परसेंट ब्याज पर महिला स्व सहायता समूहों को लोन दिया जायेगा। प्रदेश में 3 लाख 22 हजार स्व सहायता समूहों का गठन हो गया है। 36 लाख 53 हजार बहनें इससे जुड़ी हैं। हर महीने 150 करोड़ रुपये स्व सहायता समूहों के खातों में डाले जायेंगे
छोटे झगड़े घरों में ही निपट जायें इसके लिये पंचायतों में नारी अदालत बनायेंगे। ऐसे मामले इनके माध्यम से निपटाने की कोशिश करेंगे। उमंग कार्यक्रम से स्कूल में 9वीं, 10वीं, 11वीं के बेटों को बेटियों के प्रति संवेदनशील बनायेंगे। ये बेटों को संस्कार देने का काम करेंगे।
मध्यप्रदेश की धरती पर जितनी लाड़ली लक्ष्मी बेटियां हैं उनके कॉलेज की पढ़ाई की फीस सरकार भरवायेगी। जितनी महिला सफाईकर्मी काम करती हैं उन्हें सप्ताह में एक दिन की छुट्टी देने का मैं आदेश देता हूं।
सारे चिन्हित ITI में महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण निशुल्क दिया जायेगा। प्रदेश में आबादी की जमीन पर भूमि स्वामी के कॉलम में पति के साथ-साथ पत्नी का भी नाम होगा ताकि वो भी मालिक बन सकें। #PMAY के जितने मकान होंगे उनके कागजों में पति के साथ पत्नी का भी नाम होगा
हम आज ये फैसला कर रहे हैं कि अगर बहन के नाम पर कोई संपत्ति खरीदकर उसका रजिस्ट्रेशन करायेगा तो उसकी रजिस्ट्री फीस में 2% की छूट दी जायेगी। इसी के साथ कोई बहन और बेटी अगर ठेकेदारी का काम करने के लिये रजिस्ट्रेशन कराती है तो उनसे रजिस्ट्रेशन की फीस नहीं ली जायेगी।
हमने फैसला किया है कि गेहूं और बाकी फसलों की खरीदी होती है वो खरीदी भी महिला स्व-सहायता समूह से करेंगे। मध्याह्न भोजन में लगने वाले दाल, तेल, मसाले स्व-सहायता समूह से खऱीदे जायेंगे। पंचायत स्तर पर कई तरह के सर्वे में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को शामिल किया जायेगा
जिला स्तर पर शासकीय परिसर में कैंटीन चलाने का कार्य भी महिला स्व सहायता समूह करेंगे। मनरेगा में जो संपत्तियां बनेंगी उसमें भी 50 परसेंट में नाम केवल महिलाओं का होगा। सरकारी अस्पतालों में विशेषकर बेटा-बेटी को जन्म देते समय महिलाओं के लिये महिला हेल्प डेस्क खोला जायेगा।
उज्जैन, सागर जिले में महिला स्वास्थ्य सेवा प्रदाय के तहत प्रशिक्षण के लिये स्किल लैब्स की स्थापना की जायेगी। प्रदेश में 1600 स्वास्थ्य केंद्र को आदर्श प्रसव केंद्रों के रूप में परिवर्तित किया जायेगा, ताकि महिलाओं को शहरों में न आना पड़े। सरकार के विभिन्न विधाओं में जो संविदाकर्मी महिलायें हैं उनके द्वारा बेटा-बेटी के जन्म देने पर उन्हें भी शासकीय सेवकों की तरह 180 दिन की छुट्टी दी जायेगी
उन्होंने कहा कि जिस गांव में बेटा बेटी के जन्म की संख्या बराबर होगी ऐसे गांव को विकास के लिये तीन साल तक अगर ऐसा होता है तो 2 लाख रुपये अलग से दिये जायेंगे। ताकि ये प्रेरणा मिल सके कि बेटियों को भी आने दो। सभी जिलों में महिला पुलिस थाने स्थापित किये जायेंगे।
प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान को व्यापक तौर पर शुरू करेंगे। इसके लिये महिला स्व सहायता समूहों की मदद लेंगे। ऐसी पंचायत जो नशामुक्त हो उसके विकास के लिये ज्यादा धनराशि दी जायेगी और उसे पुरस्कृत किया जायेगा।
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