
केंद्र और राज्य सरकार की योजना चढ़ी दलालों के हांथ
रीवा। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की योजनाओं के तहत आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्टार्टअप के लिए छोटे एवं वृहद तरीके के कर्ज़ उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। लेकिन जिले के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा लालगांव में बैंक मैनेजर की मिलीभगत से दलालों द्वारा कर्ज राशि में प्रतिशत लेकर कर्ज़ दिलाने का ठेका चल रहा है। मामले की आवाज तेज हुई तो बैंक मैनेजर सहित दलालों को बैंक से हटाने की आवाज उठने लगी। बाबजूद इसके गोरखधंधा को निरंतर कायम रखने के लिए बैंक मैनेजर द्वारा आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
जानकारी हटाने का चला प्रयास
आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी की टीम लगातार भ्रस्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने की मुहिम प्रदेश के हर विभाग में छेंड रखी है। मामले की प्रकाशित खबर जब टीम के सदस्य विजय पांडे को मिली तो ट्वीट कर जानकारी को जिम्मेदारों तक पहुँचाई गई बाबजूद इसके जिम्मेदार भी कार्यवाही करने की बजाय ट्वीट को डिलीट करवाने के प्रयास में जुट गए।
अभिव्यक्ति की आज़ादी में मैनेजर का ग्रहण
दरअसल सोसल मीडिया प्लेटफार्म में खबर शेयर होने के बाद बैंक मैनेजर का चक्रव्यूह का ग्रहण लग गया। जबकी सोरहवा निवासी आवेदक ने बताया की मैनेजर अपने काले कारनामे को छुपाने के लिए जो प्रयास किए थे उसमें सफलता की एक सीढ़ी को चढ़ कर आपसी लोगो से दबाब बनाने लगे। जबकी कर्ज़ की जो फाइल थी उस फाइल की तरफ़ बैंक मैनेजर का ध्यान नही जा रहा और वह फ़ाइल अभी भी पेंडिंग में पड़ी है।
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