स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को म.प्र.आशा, आशा सहयोगी श्रमिक संघ ने अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को म.प्र.आशा, आशा सहयोगी श्रमिक संघ ने अपनी मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
सीहोर। अपनी मांगों को लेकर आशा एवं आशा सहयेागी श्रमिक संघ की कार्यकर्ता 15 मार्च से हड़ताल पर हैं, हड़ताल को आज 30 दिन हो चुके हैं। प्रदेश भर की आशा एवं आशा सहयोगी संघ के द्वारा मंत्री महोदय की गुमशुदगी के लिये आवेदन भी दिया है। साथ ही गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा। इस पर स्वास्थ्य मंत्री एवं विधायक सुदेश राय ने कहा कि आपकी मांगों को लेकर विचार चल रहा है, आपकी मांगें शीघ्र ही पूर्ण होगी। प्रदेश में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, नवजात शिशु के साथ-साथ आम जनता के स्वास्थ्य की देखभाल में दिन रात काम कर रही प्रदेश की हजारों आशा कार्यकर्ता हैं, जो कि बेहद अल्प, केवल ₹2000 मासिक वेतन में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि आशा कार्यकर्ता का वेतन 10,000 और आशा सुपरवाइजर का वेतन 15000 किया जाए, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके साथ ही हमें घर चलाने में भी समस्याओं का सामना न करना पड़े। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर हम हड़ताल पर हैं। इस मौके पर पवित्रा शर्मा ब्लॉक अध्यक्ष, चिंता चौहान जिला अध्यक्ष, शाजापुर जिले की जिलाध्यक्ष मोना प्रजापति, मण्डला जिले की प्रदेश संगठन मंत्री राधा शर्मा, भूरी बी कार्यकारिणी अध्यक्ष, सीमा सौलंकी जिला महामंत्री, रीना राठौर ब्लाक महामंत्री, सरीता राठौर, निशा व्यास, बविता, शीला मेवाड़ा व उपस्थित रही।
इन पन्द्रह सूत्रीय मांगों को लेकर आशा/आशा पर्यवेक्षक हड़ताल पर मिशन संचालक, एनएचएम मध्य प्रदेश द्वारा 24 जून 2021 को दिए अनुशासन को लागू कर आशा को 10,000 रुप एवं आशा सहयोगिनी यों को ₹15000 निश्चित वेतन लागू किया जावे, उस उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जावे। आशा आशा सहयोगिनी को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जावे, तब तक न्यूनतम वेतन, भविष्य निधि, ई. एस. आई. ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जावे। न्यूनतम वेतन 26000 रुपए निर्धारित किया जावे।
आशाओं की प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित किया जावे। प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोका जावे। प्रत्येक आशा से अब तक काटी गई सभी राशियों का एरियर सहित भुगतान किया जावे। आशाओं के द्वारा की गई कोविड- 19 वैक्सीनेशन ड्यूटी, डी पी टी बूस्टर वैक्सीन, एनसीडी सर्वे, परिवार नियोजन,निर्वाचन कार्य सहित सभी कामों का बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जावे। प्रत्येक माह की 5 तारीख को आशा एवं आशा सहयोगिनी का भुगतान सुनिश्चित किया जाने हेतु ठोस उपाय किया जावे । आशाओं से बंधुआ मजदूरों जैसे व्यवहार को रोका जावे। आशा एवं आशा सहयोगिनी के लिए विभाग द्वारा निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कार्य नहीं कराया जावे। आशाओं की सभी मीटिंगों एवं आशा सहयोगिनीओं के वास्तविक यात्रा व्यय का भुगतान किया जावे। आशा एवं आशा सहयोगिनीओं को वेतन सहित आकस्मिक अवकाश दिया जावे एवं मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाया जाए। आशा सहयोगियों को वेतन सहित रविवार को साप्ताहिक अवकाश प्रदान किया जावे। 8. आशा एवं आशा सहयोगिनी को शासन से कुशल सैनी के न्यूनतम वेतन की दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधाएं दी जावे । बिना किसी जांच के आशाओं की सेवा समाप्ति पर तुरंत रोक लगाई जावे । विगत 1 वर्ष में निष्क्रिय आशा बताकर आशाओं की, की गई सेवा समाप्ति की जांच कराई जावे एवं जबरन अनुचित तरीके से सेवा समाप्त की गई सभी सक्रिय आशाओं को बाहाल किया जावे। पेंशन एवं सेवानिवृत्त लाभ लागू किए बिना आशा एवं आशा सहयोगिनीओं को सेवानिवृत्त न किया जावे। ड्यूटी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित किया जावे। सभी पीएचसी, सीएचसी अस्पतालों में सुरक्षित एवं सुविधायुक्त आशा रूम उपलब्ध कराया जावे। पीओएसएच कानून लागू किया जाए एवं शिकायतों पर कार्यवाही सुनिश्चित किया जावे। स्वास्थ्य के लिए सकल घरेलू उत्पादन का 6 प्रतिशत राशि आवंटित किया जावे। स्वास्थ्य सेवाओं (सरकारी अस्पतालों) सहित सभी बुनियादी सेवाओं के निजी करण को रोका जावे। श्रम संहिताओं को वापस लिया जावे। आशा एवं पर्यवेक्षकों को श्रम कानून के दायरे में शामिल किया जावे।

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