स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में पहुंचे कलेक्टर खुली पोल मचा हड़कंप/खबर का हुआ असर कलेक्टर ने की कार्यवाही जिम्मेदार कर रहे नजर अंदाज

स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में पहुंचे कलेक्टर खुली पोल मचा हड़कंप

खबर का हुआ असर कलेक्टर ने की कार्यवाही जिम्मेदार कर रहे नजर अंदाज

उमारिया संदीप तिवारी / मध्य प्रदेश शासन एव मोहन यादव की सरकार की मानसा में पानी फेरने का काम कर रहे हैं जिले के स्वास्थ्य अधिकारी एवं बीएमओ उमरिया जिले सहित नगरी क्षेत्र में और ग्रामीण इलाकों और कस्बों में संचालित स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों के लिए कितनी कारगर हैं और उनमें काम करने वाले ईमानदार कर्मी अपनी मानव सेवा के लिए कितने चिंतित हैं इसकी बानगी देखने को मिली जब जिले के कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने स्वास्थ्य केंद्र चंदिया का औचक निरीक्षण किया, जहां माकूल सुविधाओं की व्यवस्था पर सवाले तो खड़े हुए ही, स्टाफ भी सुविधा भोगी का नजारा दिखाने में पीछे नहीं रहे और कलेक्टर ने देखा कि किस प्रकार से एक ही दिन एक साथ 10 स्वास्थ्य कर्मी गायब हैं। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि स्वास्थ्य केंद्र चंदिया में 23 के स्टाफ मे से 10 लोग अनुपस्थित रहे

जिम्मेदारी से भाग रहे बीएमओ और सीएचएमओ

बड़ी आश्चर्य की बात है कि जिले के मुखिया जिला कलेक्टर साहब को क्यों निरीक्षण और कार्यवाही करना पड़ रहा है जब की जिम्मेदार अधिकारी बीएमओ और सीएचएमओ क्या कर रहे हैं क्यों उनके पास टाइम नहीं है कि वह स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बना सके एवं लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो उनका इलाज सही टाइम पर हो सके उनका इलाज डॉक्टरों की मौजूदगी में हो सके कहीं देखा जाता है कि नर्स के द्वारा इलाज किया जा रहा है तो कही मरीज़ परेशान होकर झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के होने के बावजूद जिले के मुखिया जिला कलेक्टर धर्नेंद्र कुमार जैन साहब को खुद ही कमान संभाले हुई है और मौके में जा कर कार्यवाही करना पड़ रहा है l

कारण बताओं नोटिस जारी

जिन्हें जिले के कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने कारण बताओं नोटिस जारी करने का आदेश दिया साथ ही कलेक्टर की नाराज़गी का सामना स्वास्थ्य केन्द्र के जिम्मेदार को भी करना पड़ा। अनुपस्थित पाये गये कर्मियों में डा धमेन्द्र, स्टाफ नर्स श्रीमती उशा, पुष्पा तोमर, संगीता यादव, अंगीता कुशवाहा, सीमा सिंह, पुनीत सिंह, रमेश प्रसाद, महेन्द्र मिश्रा, संजय मिश्रा तथा नीलेश सोनी शामिल हैं। इस दौरान कलेक्टर ने विभिन्न वार्डो का भ्रमण कर मरीजों से रूबरू चर्चा की तथा भोजन एवं नाश्ता के संबंध में जानकारी ली। गौरतलब है कि सही मानीटरिंग न होने के कारण ही ऐसी कमियां सामने आती हैं, जिसका सबसे अधिका फायदा नेता कर्मी उठाते हैं और सबसे अधिका समस्या मरीजों को झेलनी पड़ती हैं। स्वास्थ्य विभाग के मनमानी के कारण दूर दराज से आने वाले मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

सीएचएमओ और बीएमओ आखिर क्यों भाग रहे हैं अपने जिम्मेदारी से

हम बात कर रहे है उमरिया जिले की स्वास्थ्य विभाग की जिसकी जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आरके मेहरा को दी गई है जो की कई बार शिकायत करने के बावजूद भी सीएचएमओ के द्वारा जिले में ना मौजूद होने की बात कही जाती है कभी भी साहब ने यह नहीं कहा कि मैं जिला मुख्यालय में हूं अधिकांश साहब के द्वारा जिले से बाहर होने की बात कही गई जाती है

और हम बात करें कि स्वास्थ्य सुविधा की तो जिले का आज जो यह स्वास्थ्य सुविधा का हाल दुर्भाग्यपूर्ण है जो भी कमियां है इसकी जिम्मेदारी केवल डॉक्टर आरके मेहरा‌ और उनके विभाग के अधिकारियों की है जो कि उनके द्वारा कभी भी निरक्षण नहीं किया जाता की स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर उपस्थिति है कि नहीं एवं वहां पर कौन सी दवाई की कमी है और मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है कि नहीं अधिकांश देखा गया कि कई शिकायतें करने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ और सीएचएमओ अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झड़ते हुए नजर आता है

एक अधिकारी को कई जिम्मेदारी

डॉ वीएस चंदेल किसी भी दायित्व पर खरे नही रहे उतर पा रहे हैं फिर भी ऐसा क्या मोह है सीएचएमओ साहब का उनसे की दोनों ही दायित्व एक ही डॉक्टर को देखकर रखे हुए हैं ऐसा नहीं है कि जिले में डॉक्टर नहीं है डॉक्टर तो है लेकिन साहब उसकी जगह किसी और डॉक्टर को नई जिम्मेदार नहीं देना चाह रहे है हम बात कर रहे है डॉक्टर वीएस चंदेल के पास में करकेली विकासखंड के खण्ड चिकित्सा अधिकारी के दायित्व के साथ साथ जिला मलेरिया अधिकारी का प्रभार भी दिया गया है. जबकि जिला चिकित्सालय में इन दिनों डॉक्टर की पर्याप्त संख्या है .एक ही डॉक्टर को दो-दो प्रभार देने के कारण डॉ चंदेल की करकेली विकासखंड के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं.लेकिन डॉक्टर साहब की राजनीतिक पकड़ ऐसी की मजाल है कोई उनसे कोई भी प्रभार लेकर के किसी जिम्मेदार डॉक्टर को दे दे. सप्ताह में 2 दिन का समय जिला चिकित्सालय में ओपीडी में बैठने के लिए डॉक्टर चंदेल के लिए नियत किया गया है लेकिन डॉक्टर साहब अपनी मनमर्जी से जब चाहे तब जिला चिकित्सालय में नजर आते हैं. यही कारण है कि करकेली विकासखंड के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ डॉक्टर भी डॉक्टर चंदेल की राह पर चलते हुए जिला मुख्यालय में ही डटे रहते हैं.बात अगर करकेली स्वास्थ्य केंद्र की की जाए तो यहां इलाज के नाम पर सिर्फ जिला चिकित्सालय में रेफर करने का काम किया जाता है यही हाल पूरे जिले का है

Loading

WhatsApp
Facebook
Twitter
LinkedIn
Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Search