तीनों सेना की ‘रण’नीति बनाने के लिए जल, थल और वायु सेना के प्रमुख और चीफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) 4 दिनों के लिए भोपाल में डेरा डाल रहे हैं। 30 मार्च से 1 अप्रैल तक 3 दिनों में यहां तीनों सेनाओं की कमांडर कॉन्फ्रेंस में भविष्य के युद्ध से निपटने का ब्लू प्रिंट तैयार होगा। पहला मौका है जब ये कॉन्फ्रेंस दिल्ली से बाहर किसी दूसरे शहर में हो रही है। 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां सैन्य कमांडरों के साथ बैठक करेंगे। इसी बैठक में फ्यूचर वॉर से निपटने के लिए सेना की रणनीति को अंतिम रूप मिलेगा।
आम लोग भी यहां सेना के शौर्य को निहार सकेंगे। इसके लिए मिंटो हॉल के बाहर मोतीलाल नेहरू विज्ञान महाविद्यालय के ग्राउंड में तीनों सेनाओं ने अपने अपने सैन्य उपकरण प्रदर्शित करने की तैयारी पूरी कर ली है। संभवत: 29 मार्च से इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा। यहां आप ये देख सकेंगे कि भारतीय सेना कितनी ताकतवर है। इस प्रदर्शनी में बोफोर्स गन, मिसाइल लॉन्चर और टैंक के अलावा युद्ध में उपयोग किए गए हथियार भी दिखाए जाएंगे। प्रदर्शनी स्थल पर टैंक और दूसरे गैजेट पहुंचने शुरू हो गए हैं।