बैरसिया खुलासा रामबाबू मालवीय
बैरसिया का सरकारी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। अस्पताल का प्रांगण बिल्डिंग तो बढ़िया है।लेकिन स्टाफ की कमी के कारण जो सुविधाएं सिविल हॉस्पिटल में होना चाहिए वह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। अस्पताल में गिने-चुने डॉक्टर हैं वह भी समय पर मौजूद नहीं रहते हैं। वहीं जब खुलासा की टीम अस्पताल पहुंचे तो वहां पर डॉ मनोज विश्वकर्मा अस्पताल में लेट पहुंचे। जब अस्पताल में मौजूद मरीजों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि डॉ मनोज विश्वकर्मा अक्सर अस्पताल में लेट आते हैं और मरीजों को धौस दिखाते हैं।आपको बता दें कि बैरसिया हॉस्पिटल में संविदा के रूप में कार्य कर रहे दंत रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज विश्वकर्मा नियम विरुद्ध तरीके से सरकारी आवास में रहे रहे हैं। जिसमें वह पात्र नहीं होते हुए भी प्राइवेट रूप से मशीनें रखकर सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों का प्राइवेट इलाज कर रहे हैं। वैसे बात की जाए तो डॉक्टर विश्वकर्मा बैरसिया लोकल के ही हैं। वह घर से भी अप डाउन कर सकते हैं। इस तरीके से बिना किसी लिखित आदेश के अवैध रूप से सरकारी भवन में रहने से शासन को किराए का नुकसान भी हो रहा है। वहीं मरीजों को भी मोटी फीस चुकानी पड़ रही है। और सरकारी अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।
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