बैरसिया खुलासा रामबाबू मालवीय
सुबह आंख खुलते ही कल्प वृक्ष के बीज शिव परमात्मा को कहें धन्यवाद।प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र बैरसिया के तत्वावधान में श्री मदभागवत गीता पर आधारित ज्ञान यज्ञ एवं राजयोग शिविर के चतुर्थ दिवस में – प्रवचनकर्ता राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने सर्वप्रथम श्री गीता जी की आरती के बाद परमात्मा शिव का आह्वान किया,इस मानव धरा पर आ जाओ,आज चारों ओर अज्ञान, बुराइयां, दुराचार, भ्रष्टाचार का बोल बाला हैं। गाते भी हैं- कि देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान,कितना बदल गया इंसान।कल्प वृक्ष का बीज रूप एक परमात्मा हैं और उस कल्प वृक्ष के शुभारंभ सतयुग से होता हैं क्योंकि हम गाते हैं।जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा वो भारत देश हैं मेरा।सतयुग के पहले दो पत्ते हैं-श्री कृष्ण और श्री राधे। जो विवाह होने के बाद लक्ष्मी-नारायण कहलाते हैं। गाते हैं-श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासु देवा। जब इस सृष्टि रंग मंच पर देवी-देवताओं की दुनिया थी,तब श्री कृष्ण और श्री राधे सतयुग के लक्ष्मी-नारायण का राज्य प्रारंभ हुआ।त्रेता में श्री रामचंद्र जी का राज्य रहा सभी सर्वगुण सम्पन्न, सम्पूर्ण निर्विकारी,मर्यादा पुरूषोत्तम थे। फिर धीरे-धीरे कल्प वृक्ष में और-और शाखाएं निकलती रही। कल्प वृक्ष का विस्तार होता गया। कई पहले आदि शंकराचार्य आये। कहा कि हम सभी उस परम आत्मा की संतानें हैं।भारत सबसे प्राचीन,अखण्ड, अविनाशी था,सतधर्म की स्थापना का कार्य परमात्मा शिव को याद करना, अर्थात बीज को पानी देना। बीज को याद करने से,उसको धन्यवाद करने से जीवन सुख, शान्ति,पवित्रता से भर जायेगा। मेडिटेशन अभ्यास के बाद श्री मदभागवत जी की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।इस अवसर पर नरेश दांगी (आम आदमी पार्टी प्रदेश सचिव) रमेश यादव के द्वारा नीलम दीदी का सम्मान किया गया। साथ ही कथा आयोजक प्रभारी शालू बहन,सतना से पधारी,लीला बहन सागर,से पधारी,पार्वती बहन,अभिलाषा बहन , प्रियंका बहन,आरती बहन बसई, सपना बहन, दुलारी बहन तथा बहन डॉली वीरेंद्र साहू, प्रीतम भाई, दीपक भाई के साथ अन्य भाई-बहन, माताएं और नगरवासी शामिल रहें।