बैरसिया खुलासा रामबाबू मालवीय
बैरसिया का सरकारी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है।आपको बता दें कि जब अस्पताल में मरीज पहुंचते हैं तो लंबी-लंबी लाइनों का सामना करना पड़ता है। और यहां से वहां वहां से यहां मरीजों को परेशान किया जाता है। जबकि वही अपनी जिम्मेदारी निभा कर मरीजों की देख रेख की जा सकती है ऐसा ही मामला सामने आया है आकाश शिल्पकार का जब आकाश ने बताया कि कुछ दिनों पहले अपनी मां का इलाज करवाने आए थे तब भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया था उन्होंने मजबूरी में प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाया और अब अपने ही इलाज के लिए इधर-उधर भटकाया जा रहा था। मेरे हाथ में गंभीर चोट आने से बहुत ही तेज़ गति से खून निकल रहा था। पार अस्पताल में भर्ती नहीं हुई। सरकारी अस्पताल बनवाया ही क्यों है जबकि गरीबों का समय पर इलाज नहीं किया जा रहा है। आकाश ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की तो अस्पताल के आला अधिकारी शिकायत वापस लेने के लिए कई प्रकार की साजिश रच रहे हैं। आकाश को टीआई से पिटवाने की धमकियां दे रहे हैं।आखिर मरीज अपना इलाज करवाने आए हैं या थाने में जाकर मरम्मत करवाने अस्पताल के अधिकारियों सहित स्टाफ में गुंडागर्दी का भूत सवार है आखिर कब और कौन आकर यहां गरीबों का सहारा बनेगा। शासन-प्रशासन और जिम्मेदार लोग कब तक अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर अन्याय होता देखते रहेंगे।वहीं मरीजों को भी मोटी फीस चुकानी पड़ रही है। और सरकारी अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।
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