Saturday, 22 April, 2023

बैरसिया MP खुलासा//कविता :- एक नारी की * काश कोई लड़की का दर्द समझ पाता*

बैरसिया खुलासा रामबाबू मालवीय


कविता :- एक नारी की * काश कोई लड़की का दर्द समझ पाता*

उसके हौसलों को कोई बुलंद कर पाता

काश कोई लड़की का दर्द समझ पाता !

हौसला उसका भी है आसमान को छूने का

काश कोई उसको रोकना ना चाहता

काश कोई लड़की का दर्द समझ पाता!

जिंदगी भी एक जंग है उसकी

काश कोई उसे जंग से जंग से जिताता

काश कोई लड़की का दर्द समझ पाता!

यहां नहीं वहां नहीं दुनिया में कहां-कहां नहीं

काश कोई उसको हर जगह टोकना ना चाहता

काश कोई लड़की का दर्द समझ पाता!

पढ़ना जो चाहा लिखना जो चाहा

मन में जो आया वह करना भी चाहा

काश कोई इनके सपने भी समझ पाता

काश कोई लड़की का दर्द समझ पाता !

 

○संदेश -लड़कियों के हौसलों में वह ताकत है जो आसमान को भी छू सकती है। इसलिए इनको आगे बढ़ने दिया जाए !

 

✍🏻 लेखिका ✍🏻

दीपिका ज्ञान सिंह मालवीय

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