बैरसिया खुलासा रामबाबू मालवीय
एक तरफ बैरसिया विधानसभा में चुनावी घमासान मचा हुआ है, तो दूसरी तरफ वरिष्ठ अधिकारियों की गुंडागर्दी सामने आ रही है। आपको बता दें कि बैरसिया शहर होने के साथ-साथ गरीबों का निवास स्थल भी है। वही तहसील कार्यालय के पीछे कुछ गरीब लोग अपनी रोजी-रोटी चलाने और परिवार पालने के लिए छोटी-छोटी दुकान लगाकर अपना पेट भर रहे थे। वहीं अतिक्रमण हटाने के बहाने अधिकारियों ने उनके पेट पर खंजर चला दिया। हद तो तब हो गई जब गरीबों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि बिना किसी नोटिस व सूचना के अचानक रात्रि के समय हमारी दुकानों को सामान सहित बुलडोजर चला दिया गया और जेसीबी से तोड़फोड़ करके मिट्टी में मिला दिया गया। जब हमने मौके पर आकर अधिकारियों से रो-रो कर रात भर का समय मांगा किन्तु हमारा दुःख किसी को नजर नहीं आया। हमने कहां की सर हम अपनी अपनी दुकाने सुबह होते ही यहां से हटा लेंगे किंतु हमारी एक न सुनी और हमसे अभद्रता करते हुए हमें,चोर की संज्ञा दी गई। बदमाश गुंडा जैसे अपशब्दों से धुतकारा गया। और सरकारी धौंस दिखाकर हमारे पेट पर खंजर चला दिया। हम रोते और गिड़गिड़ाते रहे किंतु किसी ने हमारी एक न सुनी और हमें गाली गलौज करके मौके से भगा दिया गया। क्या यही न्याय शासन प्रशासन का हम गरीबों के लिए।
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