बैतूल पुलिस बड़े-बड़े अपराधों को 24 घंटे में खुलासा करती है लेकिन गोली चलाने वाले आरोपी अंकित दीक्षित को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई। आखिर वैसे तो बैतूल पुलिस द्वारा चोरी जुआ सट्टा के अपराधी को पकड़ कर अपनी वाई वाई लूटते नजर आ रहे हैं लेकिन गुरुवार रात के दिन गोली चलाने की घटना हुई उस घटना को 24 घंटे से ज्यादा होते आ रहा है लेकिन पुलिस की पकड़ मैं अभी तक आरोपी नहीं आए सवाल यह है कि क्या वाकई में पुलिस प्रशासन को इसकी खबर नहीं लगी या खबर लगने के बावजूद भी उसे बचाने की कोशिश की गई यह बैतूल के लोगों के मन में सवाल पनप रहा है नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि अंकित दीक्षित आए दिन अपनी गुंडागर्दी करते रहता था कई बार पुलिस मैं इसकी शिकायत की गई अगर पुलिस द्वारा इन शिकायतों का संज्ञान लेकर इस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करती तो शायद आज शहर में इतनी बड़ी घटना उत्पन्न नहीं होती खैर बड़े बाप के बेटे पर हाथ क्यों डालें वही सूत्रो की से मिली जानकारी मे कुछ बड़े छोटे अधिकारी भाई बहन का रिश्ता निभाते हैं इसलिए अंकित दीक्षित पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की होती है और वह अपने इस भाई-बहन के सहारे शहर में आतंक फैला रहा है अब देखना यह है कि क्या अंकित दीक्षित को पुलिस कितने समय में पकड़ पाती है या फिर इसे भी और दूसरे केसो की तरह सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाएगी वही टीआई एबी मर्सकोले ने घटना स्थल पहुंचकर लोगों से पूछताछ की थी तथा तक फरियादी के बयान के आधार पर चारों आरोपियों के खिलाफ निम्न धारा 307, 365,506, 294, 323, 34 के तहत मामला पंजीकृत कर लिया और अपराधियों की तलाश जारी है। घटना क्षेत्र में हुई वहां पर लगे सीसीटीवी की फुटेज भी पुलिस अधिकारियों के पास पहुंच चुकी है वही सूत्रों से भी कुछ फुटेज अधिकांश पत्रकारों के पास उपलब्ध है। वैसे युवाओं की जेब में कट्टे, माउजर जैसे हथियार मिलना आम बात हो गई है। पुलिस को यह प्रयास करने चाहिए कि आरोपियों को पकड़ाने पर जब्त हथियार कहां से आए? पूछताछ पर कई खुलासे हो सकते हैं, लेकिन पुलिस आरोपियों को पकड़कर हथियार जब्त कर लेती है। इससे हथियार उपलब्ध कराने वालों का खुलासा नहीं हो पाता।