बंगाली डॉक्टर समीर शाशन को दे रहे खुला चैलेंज
दुकान शील होने के बाद भी संचालित कर रहे अवैध क्लीनिक।
संदीप तिवारी:- उमरिया/ उमरिया जिले के नौरोजाबाद नगर में 5 नम्बर में स्थित बंगाली झोला छाप डॉक्टर के द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन कई वर्षो से किया जा रहा है जिसकी शिकायत लोगो के द्वारा कलेक्टर एवम स्वास्थ विभाग के अधिकारी को भी की गई जिसमें बाद कभी कभार समीर अधिकारी कार्यवाही भी की गई,लेकिन उसके बाद भी बंगाली समीर अधिकारी के रुबाब 7 वे आसमान पर वह इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की हाल ही में दिनांक 3 जून यानी के दो दिन पूर्व ही बंगाली समीर अधिकारी की अवैध क्लीनिक पर स्वस्थ विभाग की टीम ने कलेक्टर उमरिया के आदेश पर छापा मार कार्यवाही करते हुए अंग्रेजी दवाइयों का बड़ा जखीरा जप्त कर अवैध क्लीनिक को बंद करवा दिया गया था लेकिन बंगाली झोलाछाप डॉक्टर समीर अधीकारी शासन प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए क्लीनिक के पीछे से क्लीनिक संचालित कर रहा है।
जा चुकी है कई जाने गरीब आदिवासियों का जमकर हो रहा शोषण।
लोगो का कहना है की बंगाली डॉक्टर का मायाजाल नौरोजाबाद के आस पास क्षेत्रो में बड़े पैमाने में फैला है जिसमे क्षेत्र की भोली भाली आदिवासी जनता इनके गिरफ्त में है ग्रामीणों में पता नही बंगाली डॉक्टर के द्वारा ऐसा क्या किया गया है की वह शाशन प्रशाशन की निःशुल्क सुविधा देने और एम बी बी एस डॉक्टर होने के बावजूद भी बंगाली पेड़ ट्रीटमेंट ही लेने मजबूर है लोग बताते है की कई आदिवासी के बच्चे एवम नौजवान लोगो की म्रत्यु भी गलत इलाज के वजह से हो चुकी है लेकिन बंगाली डॉ समीर अधिकारी के रुतबे के आगे भला कोई कैसे जुबान खोल सकता है।डॉ बंगाली के द्वारा अवैध क्लीनिक तो संचालित की ही जा रही है साथ ही बिना किसी डिग्री के अंग्रेजी दवाइयां का भी विक्रय इलाज के साथ किया जा रहा जिससे आस पास की गरीब और परेशान आदिवासी जनता इनके हाथों जमकर लुट रहे है।अबोध होने के कारण आदिवासी जनता इनको एम बी बी एस डॉक्टर समझ इलाज कराने आते है और बिना सही इलाज के बंगाली डॉक्टर के हाथों लुट कर चले जाते है।
वही इस सम्बन्ध में बीएमओ चंदेल जी से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया की अभी हमने दो दिन पहले ही छापा मार कर उक्त क्लीनिक में तालाबंदी की थी अगर उक्त वक्ती के द्वारा पुनः इलाज किया जा रहा तो उसके विरुद्ध हम F I R कराएंगे अब देखना यह भी होगा की क्या सच मे बीएम साहेब F I R कराते है य फिर वह भी बंगाली के मकड़जाल में फस कर रह जाएंगे।
अब देखना यह होगा की आखिर जिले में बैठे वरिष्ट अधिकारी क्या इस अधिकारी पर कोई शिकंजा कस पाने में कामयाब हो पाते है य यू ही तरह बंगाली डॉ के रुतबे के आगे सब बौने साबित होंगे।
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