पहली बार सिटी फाइनेंशियल रैंकिंग, बैलेंस शीट अच्छी तो ही विकास के लिए मिलेगा बजट!

भोपाल समेत प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को अब विकास के नाम पर बजट तभी मिलेगा, जब उनकी ऑडिटिड बैलेंस शीट अच्छी होगी। देश के 4500 शहरों में पहली बार सिटी फाइनेंशियल रैंकिंग की जा रही है। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर नगरीय निकाय 10 लाख से ज्यादा आबादी वाली कैटेगरी में शामिल होंगे। सभी शहरों के बीच हुए मुकाबले के आधार पर ही टॉप शहरों को चुना जाएगा। इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होने के लिए सबसे अहम मापदंड तीन साल की ऑडिटिड बैलेंस शीट होगी। मप्र नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने जब अपने 413 नगरीय निकायों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि 188 के पास बैलेंस शीट है ही नहीं।

अब तक नगरीय निकायों के बीच स्वच्छता रैंकिंग ही की जाती रही है। भोपाल निगम ने भी इस साल राजस्व वसूली के लिए जो जोर लगाया, वो राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए ही था। पिछले साल के मुकाबले भोपाल नगर निगम ने 12% ज्यादा वसूली की। इसके लिए बकायादारों के दुकान-भवन पर तालाबंदी, मुनादी, नल कनेक्शन काटना और नीलामी तक करवाई गई। ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था। वजह ये थी कि फाइनेंस कमीशन ने राजस्व वसूली के आधार पर ही अगला बजट देने के लिए कहा था। सिटी फाइनेंशियल रैंकिंग की तीसरे मापदंड में भी इसका जिक्र है। जिसमें हर नगरीय निकाय को 3 साल में बढ़ी इनकम की जानकारी भी देनी होगी।

Loading

WhatsApp
Facebook
Twitter
LinkedIn
Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

के. एम. अग्रवाल महाविद्यालय कल्याण प्राचार्य Dr. अनिता मन्ना यांची पदवी बोगस डॉक्टरेट शिक्षण विभाग करनार का कारवाई?

क्राईम रिपोर्टर शुभम मिश्रा कल्याण: के .एम .अग्रवाल कला वाणिज्य विज्ञान महाविद्यालय

Loading

Search