धड़ल्ले से चल रहा है नशे का कारोबार
चप्पे चप्पे में लाला कब बोल वाला
नौरोजाबाद के युवाओं को लाला बेच रहा है कोरेक्स और टेबलेट
बढ़ रहा है नशे का करोबार, युवाओं की जिंदगी के साथ परिवार हो रहे है बर्बाद
5 नंबर के धक्का आर सी स्कूल के पास से करता है प्रतिबंध कोरेक्स की सप्लाई
आखिरकार कहां से आता है भारी मात्रा मे नशीली दवाएं
संदीप तिवारी:-नौरोजाबाद;- उमरिया जिले की संवेदनशील पुलिस अधीक्षक श्रीमति निवेदिता नायडू ने लगातार नशे के विरुद्ध अभियान चलाकर नशे के कारोबार में प्रतिबंध लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है अपराध को बढ़ावा देने का काम नशा के चलते ही होता है नशे में आदमी किसी भी अपराध को अंजाम दे देता है लेकिन जिले के नौरोजाबाद थाना अंतर्गत नशे के कारोबार में अंकुर लगाते हुए नजर नहीं आ रहा है नगर में देखा जा रहा है कि लाला नामक व्यक्ति के द्वारा नशे का व्यापार खुलेआम किया जा रहा है जिसको ना तो पुलिस कोई खोफ है न कोई कार्यवाही की लाला के द्वारा नगर के 5 नंबर कालोनी के धक्का मोहले और आर सी एस स्कूल के पास से प्रतिबंध कोरेक्स की सप्लाई किया जा रहा जा रहा है
कई जगह से आते है लाला के पास नशा के दीवाने
नगर नौरोजाबाद सहित बिरसिंहपुर पाली, पाली प्रोजेक्ट, विंध्या कॉलोनी, के आसपास क्षेत्र में धड़ल्ले से कई महीनों से लाला के द्वारा प्रतिबंध कफ सिरप कोरेक्स और टेबलेट गोली की सप्लाई युवाओं को धड़ल्ले से कर रहा है लाला धक्का मोहले में बैठ के युवाओं को नशा पहुंचाने का काम करता है लाला और 3 गुना पैसा कमाता है ज्यादा पैसा कमाने की चाहत में लोगों को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहा है
आखिरकार कब होगा लाला के ऊपर कारवाई
पुलिस के डर के उनके नजरों से बच के कही बंद स्कूल का सहारा लिया है तो कही जंगलों में अपना अड्डा बना कर रखा है लाला आपके अड्डे पर कोरेक्स और नशीली गोली रखा रहता है और वहा से निकालकर लोगों को उपलब्ध कराने का काम करता रहता है उसका और कोई काम नहीं है रात दिन उसका यही काम है और उसके साथ नशा करने वाले कई युवा उसका साथ देते है
कोरेक्स के शिकार हो रहे हैं युवा पीढ़ी चंदा कर के लेते हैं कोरेक्स
नौरोजाबाद क्षेत्र के नवयुवकों नशे की इतने आदी हो गए हैं कि वह आपस में 200 सौ 200 सौ चंदा करके 400 में कोरेक्स लाला से लेते हैं किसी किसी को 500 में तो किसी को 450 तक में देता है कोरेक्स और युवा पीढ़ी कोरेक्स मे पानी डालकर घूंट पर घूंट पीते हुए अपने नशा की पूर्ति करते हैं अगर नशा पूरा नहीं होता है तो वह कोई भी मीठा सामग्री का खानपान करते हैं जिससे कि नशा उनका पूरा हो जाए यह तो हालात है नगर का नौरोजाबाद के चाय की दुकान से लेकर पान की दुकान है अन्य चौक चौराहे पर जन चर्चा का विषय बना हुआ है यह नशे का कारोबार
400 से 450 लेकर 500 तक बिकती है कोरेक्स
सूत्रों की माने तो लाला भारी मात्रा में कोरेक्स सिरप और टेबलेट लेकर आता है जो कि बिरसिंहपुर पाली, पाली प्रोजेक्ट, विंध्या कॉलोनी, नौरोजाबाद, घुलघूली, आसपास के पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में लाला का काफी बोलबाला है प्रतिदिन लोग इस आदमी से संपर्क कर कोरेक्स लेने आते हैं जहा बुलाता है लोग वहा चल कर जाते है प्रतिदिन इसका सेवन करने वाले युवक के पास इतना पैसा कहा से पाए की अपना नशा पूरा कर ले कम पैसा रहने पर इनके द्वारा टेबलेट गोली लिया जाता है और उसे अपनी नशा की पूर्ति करते हैं नशा के इतने आदि हो गए हैं युवा कि कोई ना कोई गलत दिशा में जा कर काम करने को मजबूर होते हैं जिससे कि इनका नशा पूरा हो सके
सेटिंग के हिसाब से रेट निर्धारित
वैसे तो यह कोरेक्स सिरप प्रतिबंध है यह कफ सिरप कई नाम से आता है लेकिन इसके चाहने वाले इसे प्यार से चोको कहते हैं जिसको देखते हुए अवैध काम में सम्मिलित लोगों ने इसको प्यार से चोको का नाम दे दिया है लोग जब इसको मांगते हैं तो कहते हैं कि हमको चोको चाहिए जिसकी जैसे सेटिंग वैसे रेट में लाला देता है कोरेक्स और टेबलेट जिसके लिए युवा लोगों को आपस में 400 और 450 एवं 500 मिलाकर चंदा करके कोरेक्स लेते हैं और अपना नशा पुरा करते हैं खांसी जैसी बीमारी में काम आता था कोरेक्स। जिस पर पूर्णता प्रतिबंध लगा हुआ है आज लाला जो कि आसानी से उपलब्ध करा रहा है लोगों का कहना है कि कोरेक्स पीने से नशा आता है। कोरेक्स पीने से उसका साइड इफेक्ट इन पीने वालों को पता नहीं है और युवा पीढ़ी इस दलदल में फंसते चले जा रहे हैं। नई पीढ़ी कोरेक्स का आदि होते जा रहा है ना भूख लगती है ना प्यार बस नशा पूरा होने चाहिए उन्हें खाने से अधिक चिंता चांदा कर के कोरेक्स की बोतलें जुटाने की रहती है।
कम पैसे में टेबलेट ज्यादा पैसे भी कोरेक्स
सूत्रों की मानें तो लाला अपने अड्डे में बैठकर नौरोजाबाद की युवाओं को नशे के आदि बनाने में कहीं से कसर नहीं छोड़ रहा है प्रतिदिन लाला धक्का से आर सी स्कूल के पास से और दो पहिया वाहन से घूम घूम के नगर और बाहर से आने वाले सभी लोग को नशीली दवाईयां देने का काम करता है
कोरेक्स में 3 गुना से ज्यादा की कमाई
3 गुना पैसा कमाने की चाह में लाला के द्वारा युवाओं को नशे में धकेलने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है लाला नामक व्यक्ति 5 नंबर से , पीपल चौक, बस स्टैंड, बाजार पूरा ,कई जगहों पर इसके नशा के चाहने वाले इसका इंतजार करें बैठे रहते हैं कि हमारा लाला आएगा और हमें नशे का टेबलेट और सिरप देकर जाएगा
आखिर लोग क्यों करते हैं कोरेक्स का सेवन?
ज्यों-ज्यों शराब पर अधिक रेट होना, त्यों-त्यों नशेड़ी अलग-अलग तरह के विकल्प खोज रहे हैं। इन्हीं विकल्पों में कोरेक्स समेत अन्य नशीली दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरेक्स शराब से भी अधिक और जानलेवा है। कोरेक्स को एनडीपीएस एक्ट के तहत बिक्री से प्रतिबंधित किया गया है। शराब की लत कोरेक्स से बुझा रहे नशेड़ी। प्रतिमाह कोरेक्स व अन्य नशीली दवाओं की लाखो की बिक्री हो रही है और युवा नशा की ओर बढ़ते हुए जा रहे हैं
लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है लाला
नशे का सेवन किसी भी प्रकार की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह आधुनिक समाज की एक महामारी बन चुका है ये नशा, जिससे हमारी सामाजिक, आर्थिक, और शारीरिक स्थिति प्रभावित होती है। नशा आमतौर पर दो प्रकार का होता है – मादक पदार्थों से नशा और दवाईयों का अत्यधिक सेवन। नशे के सेवन से शरीर में कई सारे दुष्प्रभाव होते हैं। पहले तो, यह सेहत को नुकसान पहुंचाता है। नशे के सेवन से लीवर, किडनी, ह्रदय, और दिमाग जैसे महत्वपूर्ण अंगों को हानि पहुंचती है। यह रक्तचाप और हृदय रोगों का कारण बन सकता है और नामर्दी और मस्तिष्क विकार जैसी समस्याओं का भी कारण बन सकता है। नशे के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह व्यक्ति को चिंता, डिप्रेशन, और अवसाद में डाल सकता है और संबंधों, परिवार, और करियर में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। नशे के सेवन से सामाजिक समाज में भी दुर्भावनाएँ उत्पन्न होती हैं। यह व्यक्ति को अपने समाजिक संबंधों से अलग कर सकता है, उसका परिवार और समाजिक समूहों में बुरा प्रतिष्ठा प्राप्त करवा सकता है। इस प्रकार, नशे का सेवन न केवल व्यक्ति की आत्मा को हानि पहुंचाता है, बल्कि उसके परिवार, समाज, और समूचे समाज को भी प्रभावित करता है। इसलिए, नशे के सेवन से बचना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि हम स्वस्थ, समृद्ध, और समाज में सकारात्मक योगदान कर सकें।
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