नई सड़कों की बदहाली को लेकर पीडब्ल्यूडी एक्शन मोड में हैं। बीते 60 दिनों में पूरे प्रदेश से 536 शिकायतें दर्ज कराई। लिहाजा निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार और जांच में भी धांधली पर रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने नया तरीका अपनाया है। गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर संबंधित जिले या संभाग के अधिकारियों को भी सूचना के दायरे से बाहर रखा गया है। जांच अधिकारियों के दल को भी संबंधित शिकायत की पूर्व जानकारी तक नहीं दी जा रही है। बीते एक माह में 21 अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिरी। 53 मामलों में मटेरियल टेस्टिंग के लिए सेंपल भेजे गए हैं। 11 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पीडब्ल्यूडी में सर्वाधिक शिकायत सामग्रियों को लेकर दर्ज कराई गई। सामग्री खरीदी में अफसरों की मिली भगत से ठेकेदारों ने मनमानी की। न तो एसओआर का पालन किया गया न ही अनुबंध की शर्तों का। लिहाजा इसे गुणवत्ताहीन निर्माण की श्रेणी में रख कार्रवाई की गईं। इसके बाद टेंडर शर्तों की अनदेखी की शिकायतें हैं। दरअसल, सड़क की चौड़ाई, लंबाई, सड़क किनारे नालियों के निर्माण, डिवाइडर निर्माण आदि को कम कर धांधली को अंजाम दिया गया। इसके अलावा सैंपल, सर्विस डक्ट, कंटूर, असेंबलिंग समेत रंगाई-पुताई में भी धांधली की शिकायत दर्ज कराई गई हैं।
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