वासी संवाददाता : क्राइम रिपोर्टर शुभम मिश्रा वासी :- नई मुंबई के वाशी उड़ान पुल के नीचे रखे पुलिस चौकी कंटेनर के पीछे खड़ा रहकर, सिपाही दो चक्का वाहनों के कागजातों की जांच करता है। कागजातों में कमी निकलने के बाद बिना सरकारी रसीद दिये ही, वसूल कर रहा था पंद्रह सौ रुपये। वरिष्ठ निरीक्षक दिलिप गुजर से शिकायत करने पर उन्होंने कहा सिपाही एलआईसी एजेंट है, इसलिए पैसा लिया।बतादें नवी मुंबई के वाशी स्टेशन जाते समय रास्ते में पड़ने वाले उड़ान पुल के नीचे ट्राफिक पुलिस वालों के बैठने के लिए एक कंटेनर रखा हुआ जहाँ वरिष्ठ यातायात निरीक्षक दिलिप गुजर बैठे थे और पास ही पुलिसवाले खड़े होकर दो चक्का वाहन सवारों को रोककर कागजातों की जांच कर रहे थे। परंतु कागजों में कमी निकलने पर पुलिस सिपाही ए.एस.पवार वाहन चालकों से पंद्रह सौ रुपये वसुल रहा था, परंतु रुपये लेने के बाद चालान व रसीद नहीं दे रहा था। यह देख हमारे संवाददाता ने अपना मोबाइल कैमरा चालू कर दिया और विडियो सूट कर लिया। संवाददाता जब विडियो लेकर पास ही कंटेनर में बैठे वरिष्ठ निरीक्षक दिलिप गुजर को दिखाया, रिश्वतखोरी रोकने व सिपाही पर नियमतः कार्यवाही करने के लिए कहा तो उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि पुलिस सिपाही एलआईसी एजेंट है और एलआईसी के रुपये ले रहा था। इस तरह वरिष्ठ निरीक्षक दिलिप गुजर ने अपने सिपाही का बचाव किया। जबकि विडियो में साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि मोबाइल के नीचे छिपाकर एक सिविलियन पुलिस को पांच-पांच सौ रुपये के नोट दे रहा है। अंदाजन पंद्रह सौ से दो हजार हो सकता है। यही कारण है कि यातायात पुलिस सिपाही चौक चौराहे पर खड़े होकर यातायात को सुगम व सुचारू बनाने के बजाय कागजातों की जांच में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। अब देखना है कि खबर प्रकाशित होने के पश्चात वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दिलिप गुजर व अवैध वसुली कर रहे पुलिस सिपाही ए.एस. पवार पर सख्त कार्यवाही करते हैं या नजरअंदाज कर देते हैं। वैसे पुलिस कमिश्नर तक का इस वसुली में हिस्सा रहता है।
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