- उस दिन बेटी नॉर्मल ही थी। किसी तरह की कोई टेंशन ऐसा लग ही नहीं रहा था!
- सबसे अच्छे से बात भीकर रही थी।
- मैं भीचॉकलेट फैक्ट्री से काम करके घर आ गया था
- उस दिन उसी नेखाना बनाया था।
- वो खाना खा चुकी थी, मुझे भी उसी ने खाना परोसा था। मैंने उसे अंगूर खाने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। बोली- बाद में खा लूंगी। 10 बजे तक तो वो मेरे सामने ही थी। इसके बाद मैं ऊपर वाले कमरे में सोने के लिए चला गया।
- बेटी नीचे वाले कमरे में अपने बड़े पापा के यहां सोती थी, वो थी वहीं पर!
आधे घंटे बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और वो उल्टी करने लगी। कुछ बोल नहीं पा रही थी। हम उसे इंडेक्स अस्पताल लेकर गए। उसके मुंह से झाग आ रहा था। बाद में इलाज के दौरान देर रात उसने दम तोड़ दिया। उसने जहरीला पदार्थ खा लिया था। इस दौरान आरोपी लड़के ने उसके (महक) बड़े पापा के मोबाइल पर मैसेज भी किया, लेकिन सभी भाग-दौड़ में लगे थे और देखने से पहले ही उसने मैसेज डिलीट भी कर दिया।’
ये दर्द 19 साल की छात्रा के सुसाइड से टूटे पिता का है। खुड़ैल इलाके के काजी पलासिया में रहने वाली महक शर्मा (19 साल) की 18 अप्रैल की रात घर में अचानक तबीयत बिगड़ी। घर वाले उसे इंडेक्स अस्पताल ले गए। रास्ते में घरवालों ने पूछने की कोशिश की कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि तबीयत इतनी बिगड़ गई। ज्यादा हालत खराब होने की वजह से वह कुछ बता नहीं सकी।
इंडेक्स अस्पताल में डॉक्टरों ने परिजन को बताया कि महक ने जहरीला पदार्थ खा लिया है। इसके बाद परिवार के लोगों ने बेटी से कारण जानने की कोशिश की, लेकिन वह खुलकर कुछ बता नहीं सकी। इंडेक्स अस्पताल से उसे इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहां देर रात इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
इधर, घरवालों ने कमरे में और घर के आसपास ढूंढने की कोशिश की, जिससे पता चल सके कि आखिर महक ने ऐसा क्या खाया था। उसका बैग चेक तो छोटे पर्स में सल्फास की गोली का एक पैकेट मिला, जिसमें एक गोली कम थी। पैकेट भी नया था। घर के लोग ये देखकर हैरान रह गए।
परिजन का कहना है कि घर में गेहूं में रखने के लिए भी हम सल्फास की गोली नहीं लाते हैं, तो फिर ये गोली महक के पास कहां से आई। उसे किसने दी। वह घर से अकेले बाहर भी नहीं जाती थी। ऐसे में दुकान जाकर सल्फास की गोली का पैकेट खरीदने का तो सवाल ही नहीं उठता।