चिटफंड कंपनियों से ठगी का शिकार हुए सैकड़ों लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट
खून पसीने की कमाई वापस दिलवाने की मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बैतूल। चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगे गए लोगों ने बुधवार को ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के बैनर तले प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर चिटफंड कंपनियों से उनकी खून पसीने की कमाई वापस दिलाने की गुहार लगाई है। ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के जिलाध्यक्ष नामदेव नागले ने बताया कि मध्यप्रदेश में चिटफण्ड कम्पनियों द्वारा ठगे गये पीड़ितो का भुगतान अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी अधिनियम-2019 के तहत 180 दिन में करवाने के आदेश होने के बावजूद आज तक चिटफंड कंपनियों से ठगी के शिकार हुए पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के जिला बैतूल में पिन कॉन ग्रुप कंपनी, जीवन सुरभि डेयरी, एचबीएन ग्रुप, साई प्रसाद, साईं प्रकाश, जैसी सैंकड़ों ठग कम्पनीज एवं क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज ने बारी-बारी से योजना बनाकर लाखों नागरिकों को धोखाधड़ी से ठगा है। धोखाधाड़ी एवं ठगी का शिकार बने करीब सैंकड़ों भारतीय नागरिकों और की अपनी मेहनत की जमापूंजी वापस न मिलने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं जो अत्यंत दुःखद है।
— अधिकारियों पर आदेश के उल्लंघन का आरोप —
मोदी सरकार ने अनियमित जमा योजनायें पाबंदी कानून-2019 बनाकर ठग कम्पनीज एवं क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज पर प्रतिबंध लगाते हुए देश के प्रत्येक ठगी पीड़ित के भुगतान की गारंटी प्रदान की है जिसका पालन आपके अधीनस्थ अधिकारी नहीं कर रहे। हमारे जिले में भी सक्षम अधिकारी ने अपने कार्यालय पर न पद-पट्टिका लगाई है न कोई काउंटर ठगी पीड़ितों के आवेदन और भुगतान के लिए खोला है जो कानून एवं शासनादेश का उल्लंघन है। संसद एवं विधानसभा ने ठगी पीड़ितों का भुगतान करने एवं ठगों को दण्ड देने के लिए सर्वसम्मति से उपरोक्त कानून आरबीआई की गाइड लाइन पर बनाये हैं जिन्हें केंद्र एवं राज्य सरकारों ने अधिसूचित करते हुए नियम बनाये हैं जिनके तहत राज्य आवेदक पीड़ितों की जमाराशि का भुगतान करेगा और राज्य ही ठगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करवाकर उन्हें दंडित करेगा और उनकी व उनके व्यवसाय को संचालित करने वालों की चल-अचल संपत्तियों को कुर्क एवं नीलाम करके उन पर जुर्माना अधिरोपित करेगा। जमा योजनायें पाबंदी कानून-2019 कम्पनीज या ठग क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज का विज्ञापन करने वाले पत्र-पत्रिका चैनल इत्यादि को भी दोषी मानकर उन्हें दण्ड देने व उनसे वसूली करने की व्यवस्था देता है। अनियमित या नियमित कोई भी कंपनी या सोसाइटी जमाकर्ताओं के भुगतान में चूक करता है तो बड्स एक्ट 2019 के तहत कैद एवं अर्थदंड के भागीदार बनाये गए हैं।
नहीं हो रहा कानूनों का अनुपालन
केंद्र एवं राज्य के शासन ने शासनादेश निकालकर उक्त अधिनियमों की अनुपालना हेतु प्रत्येक जिले में एक सक्षम अधिकारी, एक या उससे अधिक सहायक सक्षम अधिकारी, फास्ट ट्रैक कोर्ट, विशेष अभियोजन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पीड़ितों को उनका जमाधन वापस दिलाने एवं उनकी क्षतिपूर्ति करने हेतु नियुक्त किया है। शासनादेश एवं कानून के अनुसार प्रत्येक सक्षम अधिकारी अथवा सहायक सक्षम अधिकारी अपने अधिकारिता क्षेत्र के निवासियों से उनके भुगतान के आवेदन लेकर उनका भुगतान कराएगा और ठग कंपनी या ठग सोसाइटी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करवाकर नामित अदालत में अभियोग पत्र दाखिल करेगा। श्री नागले ने कहा कि यह अत्यंत दुःख का विषय है कि बैतूल में सक्षम एवं सहायक सक्षम अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालयों एवं नामित अदालतों पर अपनी पद-पट्टिका तक नहीं लगाई हैं न ठगी पीड़ितों के भुगतान के दावे स्वीकार किये जा रहे हैं जिस वजह से ठगों के विरुद्ध बनाये गए कानूनों की अनुपालना निश्चित नहीं हो पा रही जो कानून एवं शासनादेशों का उल्लंघन एवं संसद व विधानसभा की अवमानना है और दण्डनीय अपराध है। बड्स एक्ट 2019 प्रत्येक ढंग कंपनी एवं ठग क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी के जमाकर्ताओं के भुगतान की गारंटी प्रदान करता है। उन्होंने कलेक्टर से आग्रह किया कि जिले में जमा योजनायें पाबंदी कानून-2019 के तहत नामित सक्षम अधिकारी, सहायक सक्षम अधिकारी, विशेष अदालत, लोक अभियोजक एवं पुलिस अधिकारी के कार्यालयों के बाहर पद पट्टिकाएं लगवायें और स्पेशल काउंटर / विंडो खुलवाकर जिले के सभी ठगी पीड़ितों के आवेदन लेकर समयबद्ध कार्रवाई करवाएं और सबका भुगतान 180 दिन में करवायें ताकि राज्य / जिले में कानून की अनुपालना सुनिश्चित हो।
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