कंस मामा के राज में भांजे-भांजियों को नही मिली दो साल से स्टेशनरी की राशि।।गौरव खातरकर
बैतूल:वाह रे कंस मामा बाते तो बड़ी बड़ी करते हो की भांजे-भांजियों की आंखों में आंसू नही आने दूंगा पर करते कुछ नही हो तभी तो दो साल से बैतूल के एससी और एसटी के विद्यार्थियों को स्टेशनरी की राशि नही मिली ।कांग्रेस नेता गौरव खातरकर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले गरीब एससी और एसटी के विद्यार्थियों को हर साल स्टेशनरी के लिए दो हजार रुपए मिलते है पर कंस मामा के राज में दो साल से बैतूल में राशि वितरित नही हुई । कालेज के पात्र गरीब छात्र छात्राओं को राशि नही मिलने से किताब और स्टेशनरी नही खरीद पाए । कंस मामा बताओ अब कैसे पढ़ेंगे ।खातरकर ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग हर साल एससी और एसटी वर्ग के छात्र-छात्राओं को स्टेशनरी राशि के रूप में 15 सौ रुपए किताब खरीदने के लिए और 500 स्टेशनरी खरीदने के लिए देता है । जिससे इस वर्ग के गरीब बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर सके अकेले जेएच कॉलेज में इन बच्चों की संख्या 5000 से ज्यादा है ।गौरव खातरकर ने भाजपा नेताओं से सवाल किया है कि जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष भाजपा से जुड़े लोग हैं और एससी और एसटी वर्ग के हितैषी बनने की बात करते हैं तो इस वर्ग के विद्यार्थियों को 2 साल से स्टेशनरी की राशि नहीं मिल रही है । इसके लिए उन्होंने क्या किया वे बताएं कि इस वर्ग के बच्चों के साथ जो अन्याय हो रहा है उसके लिए कौन जिम्मेदार है या जानबूझकर इस वर्ग के विद्यार्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है ।खातरकर ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की शिवराज सरकार में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग पर अत्याचार के कई मामले सामने आए हैं । ये दोनों वर्ग इस सरकार में शोषण के शिकार हो रहे हैं । विद्यार्थियों का मामला भी ऐसा ही कुछ है उन्हें राशि नहीं देकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और इसके पीछे सरकार की यही मंशा लग रही है कि इस वर्ग के बच्चे अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पाए ।