भेरूंदा खुलासा धर्मेंद्र योगी
मों, 9165626040
भैरुंदा। भैरुंदा तहसील की आशा- कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार द्वारा चार हज़ार की जो राशि बढ़ाई गई थी उस राशि भुगतान एक साल से नहीं किया गया ।जिसके सम्बन्ध में आशा कार्यकर्ताओं ने भैरुंदा तहसील कार्यालय पहुचकर आशा- कार्यकर्ताओं ने वेतन की मांग को लेकर एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा हर माह ₹13 हजार रुपये वेतन देने का कहा गया था लेकिन पिछले एक साल से राज्य सरकार द्वारा चार हज़ार रुपए राशि नही दी गई है
आशा कार्यकर्ताओं का कहना है ग्रामीण इलाकों में गांवों की गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की लगभग पूरी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं की होती है. इन्हीं महिलाओं की वजह से सुरक्षित प्रसव हो पा रहे हैं लेकिन सरकार इन्हीं महिलाओं के साथ गंभीरता से पेश नहीं आ रही है. आशा-कार्यकर्ताओं की तनख्वाह भी पूरी नहीं मिल रही है परेशान आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को तहसील कार्यालय एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी अपनी मांग रखी.तहसील में आशा-कार्यकर्ता हर गांव में एक आशा कार्यकर्ता होती है. जिसकी संख्या तहसील में लगभग में 194 आशा कार्यकर्ता हैं. इनका काम स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग करना है. इसके तहत गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण, उनकी डिलीवरी अस्पताल में करवाना, बच्चों का टीकाकरण के अलावा संक्रामक बीमारियों के दौरान दवाओं का वितरण, टीवी मरीजों को समय पर दवा देने का काम आशा और उषा कार्यकर्ताओं को करने पड़ते हैं. इसके एवज में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा हर महीने लगभग 13 हजार रुपया वेतन के अलावा प्रोत्साहन राशि भी मिलती है. वह राशि भी पूरी नही दी जा रही काट काट कर वेतन का भूगतान किया जा रहा है
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ,कर्मचारी करते हैं सौतेला व्यवहार
आशा-कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर एसडीएम से शिकायत कि उन्हें बीते कुछ महीने से पूरी तनख्वाह भी नहीं मिली है जिसके कारण रक्षाबंधन का त्याहार भी नहीं बना पाए। जब भी अधिकारी के पास जाते हैं तो पैसा देने वाला अधिकारी बजट का हवाला देकर वापस भेज दिया जाता हैं. उनका कहना होता है कि अभी बजट सेक्शन नहीं हुआ है. इसलिए उन्हें तनख्वाह नहीं मिल पाएगी. आशा कार्यकर्ताओं संगठन की अध्यक्ष का कहना है “अभी तहसील के ग्रामीण क्षेत्र की आशा-कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार द्धारा एक साल चार हज़ार की राशि नहीं मिली है.” इन महिलाओं की शिकायत है कि उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सौतेला व्यवहार करते हैं अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता. और किसी के पास शिकायत करने वाले को पद से हटाने की धमकी भी दी जाती है
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