प्रदेशभर में चल रही वकीलों की हड़ताल जारी है। आज भोपाल में जिला अभिभाषक संघ कार्यालय में अधिवक्ता संघों का महासम्मेलन होगा। इसमें प्रदेश के 52 जिलों के 158 तहसीलों के अधिवक्ता संघों के पदाधिकारी भोपाल में जुटेंगे।
इधर, शुक्रवार को हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं के राज्यव्यापी हड़ताल पर स्वत: संज्ञान लेकर आदेश दिए वे तत्काल काम पर लौंटें। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने आदेश में साफ किया कि यदि आदेश का पालन नहीं किया तो इस रवैये को अवज्ञाकारक माना जाएगा, साथ ही अधिवक्ताओं के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस तरह की बातें सामने आई हैं, उससे हम बेहद हैरान, चिंतित और दुखी हैं।
हाईकोर्ट का आदेश सामने आने के बाद भोपाल जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पीसी कोठारी ने भोपाल के वकीलों को संदेश जारी करते हुए कहा कि आप सभी से अनुरोध करता हूं कि किसी भी तरह के प्रशासनिक पत्र या किसी भी आदेश से भ्रमित-भयभीत न हों। भोपाल जिला बार अध्यक्ष होने के नाते मैं आठ हजार वकीलों के साथ खड़ा हूं। यदि ऐसी स्थित बन रही है तो मैं जेल जाने को तैयार हूं। शनिवार को भी कार्य से विरत रहेंगे। सोमवार को आमसभा करेंगे, इस पर आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा।
इसलिए वकील हड़ताल पर गए
जिला अभिभाषक संघ भोपाल के अध्यक्ष पीसी कोठारी ने बताया कि दिसंबर 2022 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने 25-25 पुराने प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए मध्यप्रदेश की समस्त न्यायालयों के लिए आदेश पारित किया था। इसके कारण वकीलों के साथ पक्षकारों को अत्याधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जजों पर पुराने केसों के त्वरित निराकरण का दबाव है। ऐसे में जज नए प्रकरणों की सुनवाई नहीं कर रहे। नए प्रकरणों की लंबी-लंबी तारीखें लगा दी जा रही है। जब इस संबंध में वकील सुनवाई का निवेदन करते हैं तो कोर्ट द्वारा यह दर्शाया जाता है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के कारण उन्हें तो सिर्फ 25-25 प्रकरणों का ही शीर्ष निराकरण करना है। पीसी कोठारी ने बताया कि इस आदेश को वापस लेने के लिए अभिभाषण संघ की तरफ से पूर्व में भी मांग की गई थी, लेकिन आदेश वापस नहीं लिया गया। इसी के विरोध में संघ ने अदालतीय कार्य से अलग होने का फैसला लिया। मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल जारी रहेगी। भोपाल जिला अभिभाषक संघ में करीब 8 हजार वकील रजिस्टर्ड है। भोपाल अदालत में 22 फरवरी से वकील हड़ताल पर हैं।
52 जिलों में हड़ताल, स्टेट बार काउंसिल भी शामिल
गुरुवार से हाई कोर्ट समेत सभी 52 जिलों के न्यायालयों में हड़ताल जारी है। इस हड़ताल में स्टेट बार एसोसिएशन भी शामिल है। वकीलों ने मांग की पुराने 25-25 प्रकरणों की समयावधि 3-3 माह समाप्त की जाए। पुराने प्रकरणों की सुनवाई शुक्रवार, शनिवार को हो। बाकी प्रकरणों की सुनवाई नियमित रूप से की जाए। छोटे-छोटे प्रथम अपराधी की जमानत सेशन कोर्ट से निरस्त की जाती है। जिस कारण हाई कोर्ट में केस पेंडिंग हो रहे हैं।